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कश्मीर : आतंकी संगठनों में भर्ती तेज; सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी, स्थानीय युवकों की भर्ती पर चिंता

श्रीनगर : रमजान के पाक महीने में एकतरफा संघर्ष विराम से कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियान भले ही थम गया है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवादी समूहों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में इजाफा होने की चेतावनी दी है. यह संख्या अब 80 के पार पहुंच गयी है और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार कई ओर […]

श्रीनगर : रमजान के पाक महीने में एकतरफा संघर्ष विराम से कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियान भले ही थम गया है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवादी समूहों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में इजाफा होने की चेतावनी दी है. यह संख्या अब 80 के पार पहुंच गयी है और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार कई ओर से घुसपैठ की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है.
सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अति संवेदनशील शोपियां और पुलवामा जिलों में आइएस-कश्मीर और अल-कायदा की सहयोगी होने का दावा करने वाले अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे आतंवकादी संगठनों समेत कई आतंकवादी समूहों में अधिक से अधिक युवाओं का जुड़ना जारी है.
अधिकारियों ने बताया कि मई के महीने में 20 से अधिक युवा आतंकवादी समूहों में शामिल हुए हैं, इनमें सरकारी पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा कर रहा चतुर्थ सेमेस्टर का छात्र रऊफ भी शामिल है. रऊफ गांदरबल का रहने वाला है. उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल अंत तक यह आंकड़ा 45 था.
अधिकारियों ने बताया कि अन्य 16 लोगों के भी लापता होने की रिपोर्ट मिली है, जो मुख्यत: इन्हीं दोनों जिलों से हैं. बहरहाल, ये सभी आतंकवादी समूहों में शामिल हुए हैं या नहीं इसकी जांच की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठ की घटनाएं भी बढ़ी हैं और कुछ आतंकवादी कश्मीर घाटी में एलओसी और जम्मू क्षेत्र के पुंछ एवं राजौरी जिलों से घुसपैठ करने में सफल रहे. इससे सुरक्षा बलों के लिए चिंताजनक स्थिति पैदा हो गयी है.
मई में भी 20 स्थानीय युवकों ने पकड़ी आतंक की राह
कश्मीर हाइकोर्ट ने आतंकवाद से जुड़े एक मामले में प्रतिबंधित संगठन दुख्तरान-ए-मिलात की प्रमुख आसिया अंद्राबी और चार अन्य को मिली जमानत रद्द कर दी. अदालत ने कहा कि निचली अदालत ने जमानत देने के विवेकाधिकार का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया. कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एम के हंजूरा की एक खंडपीठ ने अनंतनाग अतिरिक्त सत्र अदालत द्वारा अंद्राबी और चार अन्य को जमानत देने के पिछले महीने के आदेश को खारिज कर दिया. अनंतनाग पुलिस ने दक्षिण कश्मीर में बड़े स्तर पर एक प्रदर्शन करने और पत्थरबाजी करने की कथित योजना बनाने के लिए इस साल अप्रैल में इन सभी को गिरफ्तार किया था.
डॉक्टर लापता, आतंकी बनने की आशंका
कश्मीर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे मोहम्मद रफी के एनकाउंटर के बाद अब एक लापता डॉक्टर के आतंकी संगठन में शामिल होने की आशंका जतायी जा रही हैं. पेशे से डॉक्टर और आइपीएस अफसर का भाई शम्स-उल हक 26 मई को लापता हो गया था. पिछले दिनों शोपियां से लापता हुए पूर्व प्रोफेसर मोहम्मद रफी के आतंकी संगठन में शामिल होने के 24 घंटे बाद ही कश्मीर में उनका एनकाउंटर कर दिया गया था. मोहम्मद रफीक मेंगनू श्रीनगर के रहने वाले हैं. समझा जा रहा है कि उनका बेटा शम्स-उल हक भी आतंक की राह पर चल पड़ा है. शम्स-उल हक जकौरा कैंपस में यूनानी मेडिसन और सर्जरी में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है. उसका भाई जम्मू-कश्मीर से बाहर के कैडर में आइपीएस अफसर है.
  • कब कितने युवा शामिल
  • 2015 : 66 युवा आतंकवादी बने, जबकि 100 से ज्यादा आतंकी मारे गये
  • 2016 : 88 युवा आतंक की राह पर चले, 150 आतंकी मारे गये
  • 2017 : 126 युवा आतंकी बने, इस साल 213 आतंकी मारे गये
  • इस वर्ष : 48 युवा अब तक आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं. पिछले चार महीनों में 63 आतंकी मारे गये
20 आतंकी घुसपैठ को तैयार हाई अलर्ट पर सुरक्षा बल
घाटी में एलओसी के पार से भारी तादाद में आतंकवादियों की घुसपैठ की खुफिया रिपोर्ट के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट कर दिया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से प्रदेश में 20 से अधिक आतंकवादियों के घुसपैठ करने की रिपोर्ट है. समझा जाता है कि अधिकतर आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के हैं, जिसका सरगना मौलाना मसूद अजहर है. एक बार में इतनी बड़ी संख्या में आतंकवादियों का घुसपैठ करना असामान्य बात है. यह कश्मीर को सुलगता रखने की मंशा रखने वाले नियंत्रण रेखा के पार बैठे उनके आकाओं की हताशा दर्शाता है.

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