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महेंद्रकर्मा के बेटे का आरोप,कांग्रेसी ने कराया हमला

इलाहाबाद: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुए नक्सली हमले में मारे गये पार्टी के वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा के पुत्र दीपक कर्मा ने नक्सली हमले में किसी अंदरूनी व्यक्ति के ही मिले होने की बात कही है. दीपक कर्मा ने कहा की नक्सली कांग्रेस की यात्रा के बारे में बिना […]

इलाहाबाद: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुए नक्सली हमले में मारे गये पार्टी के वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा के पुत्र दीपक कर्मा ने नक्सली हमले में किसी अंदरूनी व्यक्ति के ही मिले होने की बात कही है.

दीपक कर्मा ने कहा की नक्सली कांग्रेस की यात्रा के बारे में बिना अंदर की जानकारी के इतना बड़ा हमला नहीं कर सकते थे. यात्रा को लेकर पूरी जानकारी रखने वाले ने ही यह काम किया है. इलाहाबाद में अपने पिता की अस्थियों को संगम पर विसर्जित करने आये दीपक ने कहा कि नक्सलियों के सुनियोजित हमले को देख कर लगता है कि वह कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को ही मारना चाहते थे. दीपक ने बताया कि अधिकतर वे अपने पिता की सुरक्षा व्यवस्था देखते थे और उनके साथ रहते थे.

इस बार वे अपने पिता के साथ नहीं थे. यात्रा को सुकमा से चित्रकोट की ओर जाना था और दीपक उनसे चित्रकोट में मिलने वाले थे. उन्होंने कहा कि इस तरह कत्लेआम करने वाले आदिवासियों के मददगार नहीं हो सकते. उन्होंने बताया कि नक्सली सीआरपीएफ जवानों और मेरे पिता की घड़ी, सोने की चेन और अन्य समान भी लूट ले गये.

रमन सिंह सरकार भी दोषी साथ ही दीपक ने छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री रमन सिंह पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि उन्होंने मेरे पिता के साथ धोखा किया और उनका इस्तेमाल कर छोड़ दिया. कर्मा परिवार को एक हफ्ते में गांव छोड़ने की माओवादियों की धमकी पर दीपक ने बताया कि वे कहीं नहीं जानेवाले हैं और उनके परिवार को इस तरह की धमकियों की आदत है.

उधर, दरभा नक्सली हमले को अंजाम देनेवाले असली गुनहगार कौन हैं? इस पर केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों की राय अलग-अलग है. केंद्र की खुफिया एजेंसी की मानें तो माओवादी के सुदर्शन व सुरेंद्र मास्टरमाइंड है. इसका आधार सुदर्शन के बरामद पत्र व अन्य जानकारी हैं. दूसरी ओर राज्य की खुफिया इकाई के मुताबिक दंडकारण्य के स्पेशल जोनल कमेटी के सचिव रमन्ना व उसके साथी हैं.

नंद कुमार पटेल के गार्ड निलुस कुजूर ने प्राथमिकी में रमन्ना व उसके साथियों के नाम दर्ज कराये हैं. जांच का दायरा बढ़ा एनआइए केंद्र व राज्य द्वारा उपलब्ध करायी जा रही जानकारी के आधार पर जांच कर रही है. एनआइए की टीम रमन्ना व सुदर्शन के अलावा उन पांच नक्सलियों को भी तलाश रही है, जो पिछले साल से लापता है और उन पर 50 लाख रुपये का इनाम भी घोषित है. इनके नाम गणपति, बासुराज, देवूजी, प्रभाकर, सोमजी हैं.

सभी विकल्प खुले रखे सूत्रों के मुताबिक एनआइए शुरुआती जांच में इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यह हमला सुनियोजित तरीके से किया गया और नक्सलियों को परिवर्तन यात्रा के रूट और सीआरपीएफ की गैरमौजूदगी का पता था. मगर एनआइए अभी यह पता नहीं लगा पायी है कि नक्सलियों को सूचना मुहैया कराने में किस शख्स ने मदद की. एनआइए ने घायलों व चश्मदीदों से भी पूछताछ की है. साजिश या लापरवाही के मसले पर एनआइए ने विकल्प खुले रखे हैं.

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