नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त फोरम ने उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से सोमवार को अपील की कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित हाथापाई मामले में वे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई करें.
फोरम ने सोमवार की बैठक में इस बाबत एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें कहा गया है कि जब तक केजरीवाल और सिसोदिया ‘विशेष तौर पर लिखी गयी और सार्वजनिक की गयी माफी’ नहीं मांग लेते और जब तक अधिकारियों की निजी सुरक्षा तथा सम्मान सुनिश्चित करने के लिए कदम नहीं उठाये जाते, तब तक वे आप के मंत्रियों के साथ कामकाज में केवल लिखित संवाद का ही प्रयोग करेंगे. प्रस्ताव में दावा किया गया कि अपनी गलती मानकर माफी मांगने के बजाय मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री इसे नकार रहे हैं जो यह दिखाता है कि वे ‘साजिश का हिस्सा’ थे.
आप शासन और नौकरशाही के बीच जारी संकट का समाधान निकालने के लिए फोरम को समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था जिसे उसने अस्वीकार कर दिया. प्रस्ताव में कहा गया, ‘ज्वाइंट फोरम ऑफ दिल्ली गवर्मेंट एम्प्लाइज राजनीतिक प्रतिनिधि से किसी भी तरह की बातचीत से पहले माननीय मुख्यमंत्री और माननीय उप उपमुख्यमंत्री की ओर से मुख्य सचिव पर हुए हमले की आपराधिक घटना के संबंध में खासतौर पर लिखी गयी और सार्वजनिक की गयी माफी की मांग करती है.’
दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त फोरम ने रविवार (26 फरवरी) को हाथों में विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर प्रेस वार्ता की. की तरफ से पूजा जोशी ने कहा- हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री लिखित में माफी मांगें. बता दें दिल्ली सरकार के दो विधायकों अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल पर दिल्ली मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट करने के आरोप लगे हैं. दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और दोनों के खिलाफ अदालत में मुकदमा चल रहा है. इस घटना के बाद से प्रशासनिक अधिकारियों में रोष है और वे केजरीवाल सरकार से कोई भी संवाद लिखित तरीके से ही कर रहे हैं.