नयी दिल्ली : दिल्ली के रोहिणी इलाके में आध्यात्म के नाम चलाये जा रहे अय्याश के आश्रम से करीब 40 लड़कियां मुक्त करायी गयीं. बताया जा रहा है कि अदालती आदेश के बाद करीब सात घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद इन लड़कियों को आश्रम के संचालक से मुक्त कराया गया है. मुक्त करायी गयी लड़कियों में कई नाबालिग भी शामिल हैं.
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मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, दिल्ली पुलिस, सीडब्ल्यूसी और दिल्ली महिला आयोग की टीम ने गुरुवार सुबह से ही आश्रम पर डेरा डाल रखा था. इस दौरान पुलिस ने पहले पूरे इलाके की घेराबंदी की. उसके बाद तलाशी और लड़कियों को मुक्त कराने ऑपरेशन शुरू किया गया. इस दौरान पुलिस ने माइक का इस्तेमाल कर ऐलान भी किया कि आश्रम से निकल रही महिलाओं का वीडियो या फोटो लेना मना है.
खबरों के अनुसार, आश्रम की आड़ में अय्याशी का अड्डा चलाने वाला वीरेंद्र देव दीक्षित अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. पुलिस ने रेस्क्यू की गयी लड़कियों और महिलाओं को दो बसों में भरकर भिजवाया है. आश्रम में दिल्ली पुलिस का ‘ऑपरेशन रेस्क्यू’ अब भी जारी है. आध्यात्मिक विश्वविद्यालय नाम से आश्रम चलाने वाला बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित खुद को कृष्ण बताता था. वह हमेशा महिला शिष्यों के बीच ही रहा करता था.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, उसने 16,000 महिलाओं के साथ संबंध बनाने का लक्ष्य रखा था. वह गोपियां बनाने के लिए लड़कियों को संबंध बनाने के लिए आकर्षित करता था. हाईकोर्ट के निर्देश पर आश्रम की जांच करने पहुंची महिला आयोग और पुलिस की टीम को कुछ वीडियो मिले, जिससे बाबा की काली करतूतों का खुलासा हुआ है. पुलिस ने आश्रम से दो लोगों को हिरासत में लिया है. आश्रम पर महिलाओं को बंधक बनाकर यौन शोषण का आरोप लगा था. इसके बाद एक एनजीओ ने कोर्ट में कार्रवाई की गुहार लगायी थी.
कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताते हुए मंगलवार को महिला आयोग से जांच का आदेश दिया था. कार्रवाई के बाद टीम ने बुधवार को हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने कहा कि यह मामला गुरमीत राम-रहीम जैसा हो सकता है. सीबीआई जांच होनी चाहिए. कोर्ट ने सीबीआई को आश्रम में छापा मारने के निर्देश दिये हैं. इससे पहले छापा मारने पहुंची टीम को अनुयायियों ने बंधक बना लिया था. टीम ने इसी दायरे में तलाशी ली तो बाबा के अश्लील वीडियो-किताबें, जोशवर्धक दवाओं सहित कई आपत्तिजनक सामान मिले थे.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने बताया कि महिलाओं को नशे के दवा दी जाती थीं. चार मंजिला आश्रम के अंदर बोर्ड पर लिखा था, ‘आपसे कोई पूछे कैसे हो, तो बताना-ठीक हैं और खुश हैं. रात में लड़कियां यहां से आती-जाती हैं. यहां देह व्यापार चलता है. उम्र होने के बाद महिलाओं को बाहर निकाल दिया जाता है.
इधर, हाईकोर्ट के निर्देश पर गुरुवार की सुबह दिल्ली पुलिस, महिला आयोग, केंद्रीय महिला आयोग और डीसीपीसीआर की टीम आश्रम में पहुंची. वहां महिला डॉक्टरों की एक टीम को भी बुलाया गया है, जो आश्रम में मौजूद महिलाओं और लड़कियों की मेडिकल जांच करेंगी. आश्रम में बंद कुछ महिलाओं और लड़कियों के परिजन भी उन्होंने खोजते हुए पहुंचे हैं. आश्रम की जांच के लिए सीबीआई एसआईटी का गठन कर रही है.