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सुनील मित्तल 7000 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए करेंगे दान, बोले – अब नहीं तो कब करूंगा यह काम

नयी दिल्ली : भारत के कारोबारी दान देने के मामले में नया मिसाल पेश कर रहे हैं. पहले नंदन नीलेकणि और अब सुनील भारती मित्तल ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा दान देने की घोषणा की है. आज सुनील भारती मित्तल ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उनका परिवार अपनी संपत्ति का दस प्रतिशत […]

नयी दिल्ली : भारत के कारोबारी दान देने के मामले में नया मिसाल पेश कर रहे हैं. पहले नंदन नीलेकणि और अब सुनील भारती मित्तल ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा दान देने की घोषणा की है. आज सुनील भारती मित्तल ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उनका परिवार अपनी संपत्ति का दस प्रतिशत हिस्सा कल्याणकारी कामों में लगायेगा. भारती परिवार समाज के गरीब तबके के वंचित युवाओं को नि:शुल्क शिक्षा के लिए सत्य भारती विश्वविद्यालय स्थापित करेगा. नयी पीढी का यह विश्वविद्यालय विज्ञान व प्रौद्योगिकी पर केंद्रित होगा जिनमें कृत्रिम समझ, इंटरनेट आफ थिंग्स व रोबोटिक्स शामिल है. प्रस्तावित विश्वविद्यालय उत्तर भारत में 2021 तक परिचालन में आ जाएगा.

मित्तल ने कहा कि भारती परिवार ने जो राशि देने का संकल्प लिया है उसमें से ज्यादातर राशि नयी विश्वविद्यालय परियोजना में लगेगी. विश्वविद्यालय के लिए जमीन का फैसला अभी होना है और इसमें 10,000 विद्यार्थियों को शिक्षा देने की योजना है. उल्लेखनीय है कि इन्फोसिस के सह संस्थापक नंदन निलेकणि व उनकी पत्नी रोहिणी निलेकणि ने हाल ही में अपनी आधी संपत्ति धर्मार्थ कार्यां के लिए देने की घोषणा की थी. .
जुडेंगे दुनिया भर के एक्सपर्ट
सत्यभारती विश्वविद्यालय से दुनिया भर के एक्सपर्ट जुडेंगे. सुनील भारती मित्तल ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि यह हमारा बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है और मैं साठ साल का हो गया हूं. मुझे इस उम्र में ऐसे काम करने का इरादा पहले से ही था. उन्होंने कहा कि अब यह काम नहीं करूंगा तो कब करूंगा. इस विश्वविद्यालय से भारत सहित दुनिया के तमाम एक्सपर्ट जुड़ेंगे. उन्होंने कहा कि देश में कई आइआइटी के निदेशक से लेकर विदेशों में जुकरबर्ग,सुंदर पिचई ये सब मेरे मित्र हैं. मैं उनका सहयोग लूंगा.
इससे पहले इन्फोसिस के गैर कार्यकारी अध्यक्ष नंदन नीलेकणी और उनकी पत्नी रोहिणी नीलेकणी ने फैसला किया था कि वे अपनी आधी संपत्ति सामाजिक कार्य के लिए दान दे देंगे. नीलेकणी दंपती ने यह निर्णय माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स के द गिविंग प्लेज अभियान के तहत लिया है. दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति रहे गेट्स ने पत्नी मिलिंडा गेट्स व दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर वॉरेन बफेट के साथ इसकी स्थापना 2010 में की थी और इसके तहत वे कई देशों में सामाजिक कार्य करते हैं. नीलेकणी सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की शीर्ष हस्तियों में शुमार हैं और देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी इन्फोसिस के सह संस्थापक हैं.
राकेश झुनझुनवाला ने भी की थी घोषणा
दिग्गज निवेशक और बाजार के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला ने भी साठ साल पूरे होने पर संपत्ति का एक हिस्सा दान देने की घोषणा की थी. राकेश झुनझुनवाला का कहना है कि 60 साल की उम्र होने पर वे 5 हजार करोड़ रुपए या अपनी कुल संपत्ति का 25 फीसदी हिस्सा (जो भी राशि कम होगी) दान करेंगे. भारत के वॉरन बफे कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला 5 जुलाई 2020 को 60 साल के होंगे. मुंबई में पले-बढ़े राकेश झुनझुनवाला एप्टेक लिमिटेड और हंगामा डिजिटल मीडिया इंटरटेनमेंट प्रालि के चेयरमैन हैं. साथ ही करीब 11 कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का हिस्सा हैं.

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