नयी दिल्ली: बोकारो स्टील संयंत्र में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में सीबीआई आम चुनाव संपन्न होने के बाद पूर्व इस्पात मंत्री रामविलास पासवान को पूछताछ के लिए बुला सकती है. सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि वे मामले में पासवान के निजी स्टाफ से पूछताछ कर चुके हैं और चुनाव के बाद पासवान से पूछताछ की जा सकती है.
एजेंसी के सूत्रों ने दावा किया कि कुछ दस्तावेज मिलने के बाद एजेंसी पासवान की भूमिका की जांच कर रही है. इन दस्तावेजों में संकेत मिलता है कि पासवान का स्टाफ कुछ अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाने के लिए सक्रियता से शामिल हो सकता है.
पासवान ने आरोपों से इनकार किया है. सीबीआई ने 2008 में सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम में प्रबंधन के मध्यम और जूनियर स्तर में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में जनवरी में दो अलग अलग मामले दर्ज किये थे. इस मामले में संयंत्र के एक पूर्व कार्यकारी निदेशक और अन्य पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है.
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने कनिष्ठ प्रबंधकों एस एम रजी, राजकुमार जतिया और योगेश चंद्र पटनायक के नाम लिये हैं. वे प्राथमिकियों के अनुसार क्रमश: एक पूर्व राज्यपाल, एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और उच्च न्यायालय के एक पूर्व जज के रिश्तेदार हैं.
पासवान मई 2004 से मई 2009 के बीच संप्रग सरकार में केंद्रीय रसायन, उर्वरक और इस्पात मंत्री थे और कथित तौर पर ये फर्जी नियुक्तियां उनके कार्यकाल में की गयीं. सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस तरह की कार्रवाई संबंधित मंत्री की मंजूरी के बिना निचले स्तर पर नहीं की जा सकती. हम उनसे (पासवान से) इस सिलसिले में पूछताछ कर सकते हैं. पूछताछ कब की जाएगी, इस बारे में अंतिम निर्णय जांच आगे बढने के साथ लिया जा सकता है.’’ सूत्रों ने कहा कि कुछ सफल अभ्यर्थियों द्वारा जमा किये गये दस्तावेजों में पासवान की सील लगी है, जिसमें उनका सरकारी पता 12, जनपथ बताया गया है.