नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गूगल, याहू और फेसबुक जैसी दिग्गज इंटरनेट कंपनियों और त्वरित संदेश भेजने वाले वाट्सएप को निर्देश दिया कि वे चाइल्ड पोर्नोग्राफी, दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म से जुड़ी आपत्तिजनक सामग्री अपलोड किये जाने को लेकर भारत से मिली शिकायतों की जानकारी उसे उपलब्ध करायें. शीर्ष अदालत ने उनसे पिछले साल और इस साल 31 अगस्त तक प्राप्त ऐसे विवरण और ऐसी शिकायतों पर उनके द्वारा की गयी कार्रवार्इ की भी जानकारी मांगी है.
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न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और यूयू ललित की एक पीठ ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह इस दौरान पोक्सो अधिनियम,2012 के प्रावधानों के तहत हुए अभियोजनों की जानकारी भी उसे दे. पीठ ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रतिभागी कंपनियां गूगल, गूगल इंडिया, याहू, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और वाट्सएप भारत से पिछले साल और इस साल 31 अगस्त तक मिली उन शिकायतों की संख्या और उन पर उठाये गये कदमों के बारे में हलफनामा दायर करें, जिनमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी, दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित सामग्री से जुडे मामले शामिल हैं.
अदालत हैदराबाद स्थित गैर-सरकारी संगठन प्रज्ज्वला द्वारा तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू को भेजे गये एक खत और उसके साथ पेन ड्राइव में दुष्कर्म के दो वीडियो भेजे जाने के मामले में सुनवाई कर रही थी. सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में खत पर संज्ञान लेते हुए सीबीआई से जांच करने और दोषियों को पकड़ने का निर्देश दिया था.