अहमदाबाद : भाजपा से सात बार सांसद रहे और लालकृष्ण आडवाणी के वफादार हरीन पाठक ने लोकसभा का टिकट नहीं दिए जाने के पार्टी के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि वह अगला कदम उठाने से पहले अपनी पार्टी के समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करेंगे. अहमदाबाद पूर्व से पाठक निवर्तमान सांसद हैं और इस बार उनके स्थान पर अभिनेता परेश रावल को टिकट दे दिया गया है.
पाठक ने कहा, ‘‘पिछले तीन महीनों के दौरान जो गतिविधियां हुई हैं उससे पार्टी कार्यकर्ता आहत हुए हैं. पार्टी में कांग्रेस के निचले स्तर के दलबदलुओं को शामिल किया जा रहा है. जो पहले भाजपा की जमकर आलोचना करते थे, आज उन्हें यहां सम्मानित किया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं समझता कि जब मोदी का व्यक्तित्व है और वह इतने लोकप्रिय हैं तो इसकी क्या जरुरत थी.’’
पाठक ने कहा, ‘‘गुजरात में कच्छ से वलसाड तक तक पार्टी के कार्यकर्ता आहत हैं और हताश हैं क्योंकि वे महसूस करते हैं कि वे पार्टी के असली कार्यकर्ता हैं तथा उन्होंने पार्टी के लिए अपना जीवन दिया है और अब उनकी उपेक्षा हो रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी इसी तरह आहत हूं. मेरी पार्टी के सैकडों कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर मेरे पास आ रहे हैं. अगले तीन दिनों में मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श करुंगा, इसके बाद आगे के कदम पर फैसला करुंगा.’’
पाठक ने कहा कि उन्होंने कल पार्टी के वरिष्ठ नेता आडवाणी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज से उस वक्त बात की जब उन्होंने उनके टिकट के बारे में जांच-पडताल के लिए फोन किया था. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आडवाणी जी और सुषमाजी जैसे कद्दावर नेताओं के बिना संसद की कार्यवाही की कल्पना नहीं कर सकता. कोई आखिरी फैसला करने से पहले मैं अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श करुंगा.’’ यह पूछे जाने पर मोदी पार्टी से बडे हो गए हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी पार्टी से बडा नहीं है. पार्टी बडी है और पार्टी का कार्यकर्ता बडा है.’’