आक का पौधा जिसे हम पारद, अकौआ आदि के नाम से जानते हैं, यह विषैला होता है मगर औषधीय गुणों से भरपूर है. मामूली सर्दी-खांसी हो, तो आक की जड़ को पीस लें. उसमें काली मिर्च का चूर्ण मिला लें. एक-एक रत्ती की गोली सुबह-शाम खाने से खांसी दूर होगी.
त्वचा की खुजली दूर करने के लिए आक की जड़ को भून कर राख बना लें और उसमें सरसों तेल मिला कर लगाएं. लाभ होगा.
कितना भी पुराना फोड़ा या घाव हो, उसमें आक की जड़ पीस कर नियमित लगाने से वह ठीक हो जाता है.
स्त्री को प्रदर रोग हुआ हो, तो आक की जड़ का चूर्ण दही के साथ खिलाने से लाभ होता है.
चाहे पेट की समस्या हो या गले की, इसे दूर करने में अदरक बेहद कारगर है. अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गले की सूजन व दर्द को दूर करता है. इसलिए अदरक का सेवन किसी न किसी रूप में जरूर करें.