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World Literacy Day : केरल और दिल्ली साक्षरता के मामले में आगे लेकिन, समझदारी के मामले में आंध्रप्रदेश, बिहार और राजस्थान से पिछे

World Literacy Day 2020, Coronavirus in India : राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के सर्वेक्षण के आधार पर आंध्रप्रदेश (literacy rate in Andhra Pradesh) सबसे कम साक्षर राज्यों में से एक पाया गया है. यहां साक्षरता दर 66.4 प्रतिशत है. जबकि, दूसरे और तीसरे नंबर पर क्रमश: राजस्थान 69.7 प्रतिशत और बिहार (literacy rate in bihar) में 70.9 प्रतिशत साक्षर लोग है. वहीं, एकबार फिर सबसे साक्षर राज्य में केरल (literacy rate in Kerala) 96.2 प्रतिशत और दिल्ली (literacy rate in Delhi) में 88.7 साक्षरता सामने आयी है. लेकिन, इस साक्षरता (literacy rate in India) का क्या फायदा जब लोग समझदार ही न हो. स्वास्थ्य मामलों में ये सबसे साक्षर कई मामलों में कम साक्षर राज्य से पिछे है. बड़े अस्पतालों और राष्ट्रीय राजधानी होने के बावजूद दिल्ली पॉल्यूशन और कोरोना (Coronavirus) जैसे मामलों से ज्यादा जूझ रही है. वहीं, नर्सिंग मामलों के लिए विश्व विख्यात केरल भी कोरोना मामले में फिसड्डी साबित हुई है.

World Literacy Day 2020, Coronavirus in India : राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के सर्वेक्षण के आधार पर आंध्रप्रदेश (literacy rate in Andhra Pradesh) सबसे कम साक्षर राज्यों में से एक पाया गया है. यहां साक्षरता दर 66.4 प्रतिशत है. जबकि, दूसरे और तीसरे नंबर पर क्रमश: राजस्थान 69.7 प्रतिशत और बिहार (literacy rate in bihar) में 70.9 प्रतिशत साक्षर लोग है. वहीं, एकबार फिर सबसे साक्षर राज्य में केरल (literacy rate in Kerala) 96.2 प्रतिशत और दिल्ली (literacy rate in Delhi) में 88.7 साक्षरता सामने आयी है. लेकिन, इस साक्षरता (literacy rate in India) का क्या फायदा जब लोग समझदार ही न हो. स्वास्थ्य मामलों में ये सबसे साक्षर कई मामलों में कम साक्षर राज्य से पिछे है. बड़े अस्पतालों और राष्ट्रीय राजधानी होने के बावजूद दिल्ली पॉल्यूशन और कोरोना (Coronavirus) जैसे मामलों से ज्यादा जूझ रही है. वहीं, नर्सिंग मामलों के लिए विश्व विख्यात केरल भी कोरोना मामले में फिसड्डी साबित हुई है.

सबसे साक्षर राज्य में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कम

दरअसल, देश के सबसे साक्षर राज्य में स्वास्थ्य के प्रति सबसे जागरूक लोग होने चाहिए. लेकिन, कोविड-19 के आंकड़े कुछ और ही कहते है. अगर ताजा आंकड़ों की बात करें तो देश के दूसरे सबसे कम साक्षर राज्य यानि राजस्थान में फिलहाल कोरोना के कुल मामले 90 हजार के पार है. तो वहीं, सबसे साक्षर राज्य यानि केरल में 89 हजार के पार कुल मामले. हालांकि, यहां रिकवरी रेट बेहतर है और मौत भी कम हुई है. लेकिन, कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या कम साक्षर राज्य के आसपास होना ये दर्शाता है कि लोग स्वास्थ्य के प्रति कितने जागरूक है.

नर्सिंग का गढ़ केरल

आपको बता दें कि केरल को हम तुलना करके इसलिए भी देख रहे है क्योंकि यही वह राज्य है जो देशभर में ही नहीं दुनिया भर में अपने नर्सिंग कार्य के लिए जाना जाता है. सबसे ज्यादा नर्स यहीं से देशभर में निकलती है और एक रिपोर्ट की मानें तो आस पड़ोस के देश यहां कि नर्सों की कुशलता और कार्यक्षमता के कायल है. यहां के नर्सों के बारे में कई विशेषज्ञों का कहना है कि उनमें किसी भी विपदा को कैसे हैंडल करना है, भली-भांती आता है.

कम साक्षर राज्य बिहार से इन मामलों में पिछे राष्ट्री राजधानी

वहीं, बात करे दूसरे सबसे ज्यादा साक्षर राज्य की तो इसमें दिल्ली का नाम शुमार है. लेकिन, स्वास्थ्य, पॉल्यूशन आदि मामलों में भी राष्ट्रीय राजधानी फिसड्डी साबित हुई है. फिलहाल, कोरोना के मामलों में यह तीसरे सबसे कम साक्षर राज्य बिहार से दो स्टेप आगे है. सोमवार तक बिहार में कुल 148 हजार संक्रमण के मामले थे जबकि, दिल्ली में कुल 191 हजार मामले. वहीं, कोविड से मौत के मामलों में भी दिल्ली, बिहार से करीब 6 गुणा ज्यादा आगे है. यहां कुल मौत 4567 हुई है जबकि, बिहार में महज 750 मौत. इससे यही निष्कर्ष निकलता है कि साक्षरता के साथ-साथ समझदारी व जागरूकता भी जरूरी है.

Posted By : Sumit Kumar Verma

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