Varanasi Famous Ghats: काशी (Kashi) उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक प्राचीन और पवित्र शहर है. यह वाराणसी (Varanasi) भी कहलाता है और भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान है. काशी धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है. यहां भगवान विश्वनाथ (भगवान शिव) की पूजा की जाती है. इस मंदिर को हिंदू धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है. आज हम आपको बताएंगे काशी में मशहूर घाटों के बारे में जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करते हैं. तो आइए जानते हैं विस्तार से.
अस्सी घाट (Assi Ghat) वाराणसी के प्रमुख और प्रसिद्ध घाटों में से एक है. यह गंगा नदी के किनारे स्थित है. यह भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं से घिरा हुआ है. अस्सी घाट वाराणसी के सबसे प्रचीन और प्रमुख घाटों में से एक है, जिसे हजारों भक्त स्नान के लिए आते हैं. बात करें अस्सी घाट की तो इस घाट को भगवान अग्निदेव के स्थल के रूप में जाना जाता है, जो भगवान शिव के एक महत्वपूर्ण देवता हैं. यहां पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना और आराधना का अवसर मिलता है. यहां विशेष अवसरों पर धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित किए जाते हैं. इस घाट के पास भी एक मंदिर है, जो महाभारत के एक प्रसिद्ध कथा के साथ जुड़ा हुआ है. अगर आप काशी आ रहे हैं तो अस्सी घाट पर जरूर स्नान करें.
दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat) काशी के नदी घाटों में सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध घाटों में से एक है. यह गंगा नदी के किनारे स्थित है और यहां पर सनातन हिंदू धर्म के विभिन्न पौराणिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. इस घाट का नाम दशाश्वमेध है, क्योंकि यहां पर प्राचीन समय में दशाश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया जाता था. इस घाट का धार्मिक और पौराणिक महत्व है. दशाश्वमेध घाट को हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, क्योंकि यहां प्राचीन समय में राजाओं ने दशाश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया था. इससे भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं के साथ जुड़ा हुआ है. यहां पर शाम के समय में हर रोज गंगा आरती आयोजित की जाती है. अगर आप काशी आ रहे हैं तो दशाश्वमेध घाट पर स्नान कर सकते हैं.
मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) वाराणसी के प्रमुख और प्रसिद्ध घाटों में से एक है. मणिकर्णिका घाट का नाम एक प्राचीन पौराणिक कथा से जुड़ा है, जो इसे धार्मिक और पौराणिक अनुष्ठान के लिए विशेष महत्वपूर्ण बनाता है. बता दें मणिकर्णिका घाट को भगवान विश्वनाथ के मंदिर के पास स्थित होने के कारण महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि जब भगवान विश्वनाथ ने गंगा नदी को अपने जटा विकिरण से बचाया था, तो उनकी झटकों से बने मणियों का टुकड़ा यहां गिरा था, और इससे यहां का नाम मणिकर्णिका घाट पड़ा. इस घाट को मोक्ष द्वार के रूप में जाना जाता है. मान्यता है कि यहां के स्नान से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मणिकर्णिका घाट पर कुछ महासमाधि स्थल हैं.
पंचगंगा घाट (Panchganga Ghat) वाराणसी के प्रमुख और प्रसिद्ध घाटों में से एक है. यह गंगा नदी के किनारे स्थित है और यहां प्राचीन समय से लोग धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और स्नान करते हैं. पंचगंगा घाट का नाम इस घाट पर पांच प्रमुख नदियों के संगम के कारण रखा गया है. यहां प्रमुख नदियां गंगा, यमुना, सरस्वती है. घाट पर दुर्गा मंदिर स्थित है, जो मां दुर्गा के पूजन के लिए प्रसिद्ध है. मान्यता है कि यहां मां दुर्गा ने अपने भक्तों को आशीर्वाद दिया था. इस घाट पर सरस्वती कुंज भी स्थित है, जो भगवान सरस्वती के पूजन के लिए जाना जाता है. पंचगंगा घाट पर भी गंगा आरती आयोजित की जाती है. यहां हर साल लाखों भक्त स्नान करने आते हैं.
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केशव घाट (Keshav Ghat) काशी के प्रसिद्ध घाटों में से एक है. यह भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं से घिरा हुआ है. वाराणसी के धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. केशव घाट वाराणसी के प्रमुख गौरवशाली घाटों में से एक माना जाता है और यह धार्मिक अनुष्ठान और स्नान के लिए लोगों के बीच बड़े प्रसिद्ध है. बता दें केशव घाट पर श्री केशव जी मंदिर स्थित है, जो श्रीकृष्ण को प्रतिष्ठित करने के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर भगवान कृष्ण के विशेष भक्तों के द्वारा पूजा जाता है. इस घाट पर के अंतिम संस्कार किया जाता है. यहां लोग अपने पितृगण को अंतिम संस्कार देने आते हैं. यहां पर धार्मिक अवसरों पर पंडाल किए जाते हैं. बता दें लाखों पर्यटक काशी आते हैं.