Holika Dahan 2023 Date: फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन (Holika Dahan 2023) का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन होलिका जलाई जाती है. पारपंरिक तरीके से पूजा-अर्चना उपाय किये जाते हैं. होलिका दहन के अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है. होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है. जानें इस बार होलिका दहन कब है? होलिका दहन पूजा सामग्री, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, भद्रा काल, नियम और उपाय के बारे में आगे डिटेल में जानें.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 27 मिनट
होलिका दहन, जिसे छोटी होली के रूप में भी जाना जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और अगले दिन लोग इकट्ठा होकर एक दूसरे को रंग लगाकर होली खेलते हैं. इस वर्ष होलिका दहन 2023 का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 27 मिनट तक रहेगा. 7 मार्च 2023 मंगलवार को आप शाम 6:24 बजे से रात 8:51 बजे तक अनुष्ठान कर सकते हैं.
होलिका दहन 2023 पर भद्रा काल
होलिका दहन के दिन भद्रा काल का विशेष महत्व है. भद्रा काल एक ऐसा काल होता है जिसमें कोई भी पूजा या किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते. मान्यता के अनुसार होलिका दहन भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में शाम या रात को करना शुभ माना जाता है. इस बार होलिका दहन 7 मार्च को किया जा रहा है. भद्रा काल का साया 6 मार्च को शाम 4 बजकर 48 मिनट पर शुरू हो रहा है और 7 मार्च को सुबह 5 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो रहा है. अच्छी बात यह है कि इस बार होलिका दहन के दिन भद्रा का कोई साया नहीं है.
होली, होलिका दहन तारीख, शुभ मुहूर्त, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि
होली 2023 तारीख (Holi 2023 Date)
बुधवार, 8 मार्च, 2023
होलिका दहन 2023 तिथि (Holika Dahan 2023 Date Time)
मंगलवार, 7 मार्च, 2023
होलिका दहन 2023 का समय
शाम 6:24 से 8:51 बजे तक
होलिका दहन की अवधि
2 घंटे 27 मिनट
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ (Falgun Purnima Date Start)
6 मार्च 2023 को 04:17 अपराह्न
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि समाप्त (Falgun Purnima Date End)
7 मार्च 2023 को 06:09 अपराह्न
Holika Dahan Pooja Samagri: होलिका दहन पूजा सामग्री
एक लोटा जल, गाय के गोबर से बनी माला, अक्षत, गन्ध, पुष्प, माला, रोली, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, गेंहू की बालियां.
होलिका दहन 2023 पूजा विधि (Holika Dahan Puja Vidhi)
होलिका दहन के शुभ अवसर पर होलिका जलाने के लिए जहां पर लकड़ी इक्ट्ठी की जाती है वहां जा कर पूजा करें.
होलिका के लिए तैयार किये गये लकड़ी को सफेद धागे या मौली (कच्चा सुत) से तीन या सात बार लपेटें.
फिर उस पर पवित्र जल, कुमकुम और फूल छिड़क कर पूजा करें.
पूजा पूरी होने के बाद शाम को होलिका जलाया जाता है.
इस दिन, भक्त प्रह्लाद की भगवान विष्णु की भक्ति की जीत का जश्न मनाते हैं.
लोग होलिका पूजा भी करते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह सभी के घर में समृद्धि और धन लाती है.
यह पूजा लोगों को अपने सभी डर से लड़ने की शक्ति भी देती है.

होलिका दहन की कहानी
होली की उत्पत्ति प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं में देखी जा सकती है. माना जाता है कि इस त्योहार की शुरुआत होलिका और प्रह्लाद की कथा से हुई थी. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने अपने पिता हिरण्यकश्यप के बुरे इरादों से बचाया था. हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को एक वरदान प्राप्त था जिससे वह आग से प्रतिरक्षित हो गई थी. उसने प्रह्लाद को मारने के लिए इस वरदान का उपयोग करने की कोशिश की, जबकि वह जलती हुई आग में बैठी थी. हालांकि, आग ने प्रह्लाद को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और होलिका आग की लपटों में भस्म हो गई. बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व होली के पहले दिन मनाया जाता है, जिसे होलिका दहन के नाम से जाना जाता है.
होलिका दहन में न करें इन लकड़ियों का इस्तेमाल
पीपल, बरगद, शमी, आंवला, नीम, आम, केला और बेल की लकड़ियों का प्रयोग होलिका दहन के दौरान कभी नहीं किया जाना चाहिए. हिंदू धर्म में इन पेड़ों को काफी पवित्र और पूज्यनीय माना गया है. इनकी पूजा की जाती है और इनकी लकड़ियों का प्रयोग यज्ञ, अनुष्ठान आदि शुभ कार्यों के लिए किया जाता है. होलिका दहन को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस कार्य में इन लकड़ियों का उपयोग नहीं करना चाहिए.

होलिका दहन उपाय
होलिका दहन की पूजा के दौरान नारियल के साथ पान और सुपारी अर्पित करना चाहिए. इससे सोया भाग्य जाग सकता है.
घर की नकारात्मकता दूर करने और परिवार के लोगों के जीवन की हर परेशानी को दूर करने के लिए होलिका दहन के दिन एक नारियल लें. इसे अपने और परिवार के लोगों पर सात बार वार लें. इसके बाद होलिका दहन की अग्नि में इस नारियल को डाल दें और सात बार होलिका की परिक्रमा करें.
होलिका दहन के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान जरूर करें. इससे जीवन में आने वाले संकट दूर हो जाते हैं.