32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Exclusive: इंडस्ट्री के हेल्थ के लिए पठान का हिट होना जरूरी है…जानिए अनुराग कश्यप ने ऐसा क्यों कहा

निर्देशक और लेखक अनुराग कश्यप की फिल्म ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है. वह इस टीनएजर्स लव स्टोरी की सबसे बड़ी खासियत इसकी लीड जोड़ी को देते हैं. उनकी इस फिल्म के अलावा, विवादों और फिल्म पठान पर उनसे हुई उर्मिला कोरी की बातचीत के प्रमुख अंश...

निर्देशक और लेखक अनुराग कश्यप की फिल्म ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है. वह इस टीनएजर्स लव स्टोरी की सबसे बड़ी खासियत इसकी लीड जोड़ी को देते हैं. उनकी इस फिल्म के अलावा, विवादों और फिल्म पठान पर उनसे हुई उर्मिला कोरी की बातचीत के प्रमुख अंश…

ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत फिल्म के मेकिंग का प्रोसेस क्या रहा?

इस फिल्म का आईडिया मुझे 2015 में आया था. 2016 में फिल्म के एक्टर करण से मिला,2018 में अलाया एफ मिली.वों जब मिली थी, तो मेरी पहली सोच यही थी कि ये पूजा बेदी की बेटी हैं, और अब इनको भी हीरोइन बनना है.सोचा कि मना कर दूंगा. मैंने बोल दिया कि मैं तो टेढ़ी -मेढ़ी फ़िल्में बनाता हूं. उसके बाद उसने मुझे सर मुझे बस अपनी एक रील दिखानी है. रील देखने के साथ ही मैंने उसे यह फिल्म ऑफर कर दी. मुझे उसमें अपार संभावनाएं नज़र आयी. फिर फिल्म 2019 में शूटिंग फ्लोर पर गयी.

फिल्म का सेकेंड शेड्यूल खत्म ही हुआ था कि लॉकडाउन आ गया फिर उसके बाद लॉकडाउन खत्म हुआ. मैं बीमार पड़ गया. उसके बाद मैं लगातार बीमार पड़ता चला गया. अच्छी बात ये थी कि मेरी फिल्म के दोनों एक्टर्स युवा थे इसलिए ज्यादा फर्क नहीं पड़ा हालांकि फिल्म की कहानी बदलती चली गयी. मैं सेट पर शूटिंग से पहले भी सीन में बदलाव ले आता हूं. इस तरह से यह फिल्म बनी.

ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत आपकी फिल्म का नाम बहुत कन्फ्यूजन वाला है, इसकी वजह क्या है?

कहानी के साथ यह नाम परफेक्ट बैठता है. फिल्म में एक पॉडकास्ट है. उसका नाम ही है ऑलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत. यह दो लोगों की कहानियां है. कोई प्यार ढूंढ रहा है. कोई खुद को ढूंढ रहा है.

अक्सर लोग कहते हैं कि मौजूदा दौर में सच्चा प्यार नहीं रह गया है, आपकी क्या राय है ?

वही गलतफहमी दूर करने के लिए ये फिल्म बनायीं है.वैसे मुझे लगता है कि आज की जो पीढ़ी है. वों हमारी पीढ़ी से ज्यादा सच्चे प्यार में विश्वास करती है.हमारी कंडीशनिंग ऐसी हुई थी कि हमें किसी भी हालात में शादी को निभाना था.शादी टूट गयी तो जिंदगी खत्म ऐसी हमारी सोच होती थी .शादी में प्यार हो ना हो, लेकिन उसे निभाना है. मुझे याद है, जब मेरा तलाक हुआ था. तलाक मेरा हुआ था, लेकिन बाकी के घरवाले मुंह दिखाने लायक़ नहीं रहे थे. दो लोग आपसी सहमति से अलग हुए थे लेकिन परेशान और नाराजगी वों लोग जाहिर कर रहे थे,नाक उनकी कट रही थी. जिनका हमारी जिंदगी से कोई लेना-देना नहीं था. वों हमारे संघर्ष, हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल ही नहीं थे. ये हर पीढ़ी के साथ होता है. पुरानी पीढ़ी इस बात को समझ ही नहीं पाती है कि उनका वक़्त खत्म हो गया है और वह नयी पीढ़ी को अपनी सोच में फिट करने लगती है. मैं 50 का हो चुका हूं, मुझे पता है कि मेरा वक़्त चला गया है. मैं अपनी बेटी के नज़रिए से इस दुनिया को देखता और समझता हूं.जो मुझे यह एहसास करवाती रहती है कि अभी मुझे बहुत कुछ सीखना है.

क्या आप अपनी पूर्व पत्नियों के साथ संपर्क में हैं?

हां, बहुत लोगों को इस बात आश्चर्य होता है कि शादी टूटने के बाद भी वों दो लोग दोस्त कैसे हो सकते हैं. आमतौर पर शादी टूटने के बाद दुश्मन बन जाते हैं, लेकिन मेरा सभी से अच्छा रिश्ता है. मैं जब किसी बड़ी फिल्म को लेकर अटकता हूं, तो मैं आरती की ही मदद लेता हूं. कल्कि अपनी बेटी और प्रेमी के साथ गोवा में है और बहुत खुश है.

आपकी पूर्व पत्नियों को भले ही आपसे शिकायत ना हो, लेकिन आपकी फिल्म देव डी के नायक अभय देओल को ज़रूर आपसे शिकायत है?

मैं माफ़ी मांग रहा हूं ना. जितनी बार वों कहेगा मैं माफ़ी मांग लूंगा. मैं पांच साल पहले अलग इंसान था और आज अलग हूं. अगर उस दौरान मैंने कुछ लोगों का दिल दुखाया है, तो मैं सबसे माफ़ी माँगना चाहूंगा.

आपकी फिल्म को अक्सर ए सर्टिफिकेट मिलता है, लेकिन इस फिल्म को यूए मिला है?

यह फिल्म टीनएजर्स की कहानी है. हम उनके साथ हैं,इसलिए हम उनकी भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं.इस फिल्म में विलेन मां -बाप हैं.जो उनकी जिंदगी में बार -बार टपक पड़ते हैं, मां -बाप को लगता है कि वो अपने बच्चों की जिंदगी बचा रहे हैं. असल में वों बर्बाद कर रहे हैं,तो सबकुछ उसी के मद्देनज़र होगा.

फिल्म निर्देशन में अब किस तरह कि चुनौतियाँ पाते हैं?

अभी लोग ऐसे नहीं है कि मुझे ये फिल्म करनी है, क्योंकि आईडिया कमाल का है. अभी है कि पिक्चर हिट होगी या नहीं. ये कमाएगी या नहीं.वो असुरक्षा की जो भावना है, उसने चीज़ों को काफी हद तक बदला है.यही वजह है कि मैं नए लोगों के साथ फिल्म बनाता हूं, क्योंकि वों अच्छा काम करने के भूखे होते हैं. मैं हिट फ्लॉप के पचड़े में पड़ता ही नहीं हूं

लेकिन तापसी आपकी फिल्मों में रिपीट होती है?

उसमें हिम्मत है.. वो मुंहफट है. तापसी के साथ आपको वैसी चीज़ें नहीं दिखेंगीं, जो दूसरे एक्टर्स के साथ होती हैं. आपको चार बॉडीगार्ड और दो कैमरा लिए लोग नज़र नहीं आएंगे. अकेले ही निकल जाती है. हद से हद उसके साथ एक ड्राइवर होगा. वो भी आगे की सीट पर बैठती है. पसरकर..लाड़साहब की तरह.

हाल ही में आप निर्देशन से ज्यादा एक्टिंग करते नज़र आए हैं, क्या एक्टिंग को ज्यादा एन्जॉय करते हैं?

मैं एक्टिंग को एन्जॉय नहीं करता हूं. दोस्तों के कहने पर एक्टिंग की है. दरअसल बीमारी ने मेरी हिम्मत तोड़ दी थी. विशाल जी ने कहा कि तुम ऐसे मत रहो, तुम कुछ करो. मॉडर्न लव में जो वाक स्टिक पर चल रहा हूं. वों असली है.एक्टिंग नहीं है.आसमान ने बोला अनुराग अंकल कुत्ते में ये सीन कर लो. मैंने बोला, मैं चल नहीं सकता. उन्होने बोला कि आपको बिठाकर करूंगा फिर जोया अख्तर ने बोला कि फ्रांस आप जाओ. एक शूट करते हैं.धीरे धीरे निकलना चालू किया, तो मालूम पड़ा कि सब चाहते हैं कि मैं बाहर निकलूं.उससे फर्क भी पड़ा. मेरी इस फिल्म में भी विशाल जी, इम्तियाज और राजू जी ने मेरी मदद की है.

पठान की क़ामयाबी बॉलीवुड के लिए कितनी जरूरी है?

मैं भी चाहता हूं कि पठान हिट हो. मैं शाहरुख़ खान का इंतज़ार कर रहा हूं. सुबह आज 9 बजे की मेरी टिकट भी बुक है. मैं और इस फिल्म के एक्टर करण दोनो ही फिल्म देखने जा रहे हैं.इंडस्ट्री के हेल्थ के लिए पठान का हिट होना जरूरी है. जब पठान चलती है तो पिक्चर बनाने के लिए मुझे भी पैसे मिलते हैं.थिएटर वालों को ताकत मिलती है, हिंदी फिल्म को समय देने के लिए. दर्शक जब जाते हैं, तो फ्लो बनता है.

बॉयकॉट के खिलाफ बॉलीवुड ने राजनेताओं से भी हाल ही में बात की थी, क्या उससे फर्क पड़ा है?

फर्क पड़ा तो है, वरना फिल्म को इतनी बम्पर ओपनिंग नहीं लगती थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें