मुंबई: मां की भूमिका को रूपहले पर्दे में जीवंत करने वाली अभिनेत्री रीमा लागू काआज निधन हो गया. रीमा लागू ने मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में आखिरी सांस ली. बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हिन्दी फिल्मों के साथ मराठी फिल्मों मेें भी समान रूप से सक्रिय रहने वाली रीमा लागू ने लगभग तीन दशकों तक पर्दे पर मां के किरदार को जीया.
जिन हिंदी फिल्मों में उन्होंने मां का किरदार निभाया उनमें ‘मैंने प्यार किया’, ‘आशिकी’, ‘हम आपके है कौन’, ‘वास्तव’, ‘कुछ -कुछ होता है’, ‘हम साथ -साथ है’, ‘कल हो न हो’ जैसे फिल्म शामिल है. अपने शानदार अभिनय से उन्होंने मां की ममतामयी छवि को इस तरह से जीया कि पर्दे पर सबसे कामयाब मां बनी. फिल्म ‘कयामत से कयामत’ तक में रीमा लागू ने जूही चावला के मां की भूमिका को निभाया. महेश मांजेरकर की फिल्म ‘वास्तव’ में उन्होंने एक ऐसे मां की किरदार को निभाया, जो अपने डॉन बेटे को सही रास्ते में लाने के लिए लड़ती है. फिल्म में कुछ ऐसी परिस्थितियां पैदा होती है कि अपने अपराधी बेटे को अपने हाथों से ही गोली मारना पड़ता है.
रीमा लागू के अभिनय में क्या था खास
पारंपरिक भारतीय मां की भूमिका को रीमा लागू ने इस कदर जीया कि लोग फिल्म और हकीकत के बीच का फर्क भूल जाते थे. पर्दे पर इंट्री के साथ ही दर्शकों को ऐसा महसूस होता था कि वह एक ऐसी मां है जो आम भारतीय मां की तरह अपने बच्चे से बहुत प्यार करती हैं, अपने दायित्वों को निभाने से पीछे नहीं हटती हैं. रीमा लागू 59 वर्ष की थीं. उन्होंने बहुत कम उम्र से ही मां का किरदार निभाना शुरू कर दिया था. कई बार रीमा लागू और उनके बेटे की भूमिका निभा रहे अभिनेता के बीच उम्र का फासला बेहद कम होता था.