नयी दिल्ली : हिंदी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन का राजनीतिक करियर बहुत कम वक्त का रहा है लेकिन आज भी उस समय की यादें उनके साथ हैं. उनका कहना है कि वह आज भी उस समय के बारे में सोचते हैं, क्योंकि उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र इलाहाबाद के लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं कर पाने का अफसोस है. पूर्व प्रधानमंत्री और अपने पारिवारिक दोस्त राजीव गांधी के समर्थन से 73 साल के अमिताभ ने 1984 में राजनीति में कदम रखा था. अमिताभ ने इलाहाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लडा था और काफी बडे अंतर से जीत हासिल की थी.
बहरहाल, उनका राजनीतिक करियर काफी कम समय का रहा, क्योंकि उन्होंने तीन साल बाद ही सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था. ‘‘ऑफ दि कफ’ नाम के एक कार्यक्रम में जानेमाने पत्रकार शेखर गुप्ता और बरखा दत्त के साथ चर्चा में अमिताभ ने कहा, ‘‘मैं अक्सर इसके बारे में सोचता हूं क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान आप कई वादे करते हैं, जब आप लोगों से वोट मांग रहे होते हैं. उन वादों को नहीं पूरा कर पाना कभी-कभी अफसोसनाक लगता है. यदि मैं किसी चीज पर अफसोस करता हूं, तो वह यही चीज है.’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इलाहाबाद और वहां के लोगों से काफी वादे किए थे, लेकिन मैं उन्हें पूरा नहीं कर सका.’