टोरंटो: भारतीय अभिनेत्री एवं निर्देशक नंदिता दास ने 43वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के ‘शेयर हर जर्नी’ के जरिये कैमरे के पीछे और स्क्रीन पर लैंगिक समानता की तत्काल जरूरत पर ध्यान आकर्षित किया.
हार्वे वाइंस्टीन घटना के बाद इस पहल को शुरू किया गया कि अगर महिलाओं की आवाजों को और अधिक स्थान दिया गया,तो फिल्म उद्योग और दुनिया एक बेहतर स्थान होगी.
नंदिता ने शनिवार को कहा, ‘हम सभी की कई पहचान हैं, लेकिन मैं अपनी लैंगिक पहचान से पीछे नहीं हट सकती. मैं अब एक महिला निर्देशक के तौर पर अपनी पहचान को पूरा करती हूं. हम सभी को ऐसा करना चाहिए.’
इससे एक दिन पहले नंदिता की फिल्म ‘मंटो’ का TIFF में प्रीमियर किया गया. उन्होंने कहा, ‘भारतीय उपमहाद्वीप में हम कई सदियों से रहते हैं. यह विरोधाभास की भूमि है. दक्षिण एशियाई देशों में महिलाएं राष्ट्राध्यक्ष हैं, लेकिन यहां लिंग अनुपात चिंताजनक है. लड़कियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है.’