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Dollar vs Rupees: दूसरे दिन भी लुढ़का रुपया, 25 पैसे गिरकर 79.40 प्रति डॉलर हुआ

Dollar vs Rupees: कारोबार के दौरान यह दिन के निचले स्तर 79.85 रुपये तक जाने के बाद कुछ सुधरा. अंत में यह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 25 पैसे की गिरावट दर्शाता 79.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बुधवार को रुपया 62 पैसे टूटकर 79.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

Dollar vs Rupees: निराशाजनक वृहत आर्थिक आंकड़ों तथा अमेरिका-चीन के बीच तनाव बढ़ने के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 25 पैसे कमजोर होकर 79.40 के भाव पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के ब्याज दर के संदर्भ में फैसला आने से पहले कारोबारियों ने बाजार में कारोबार से दूरी बनाए रखी. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.21 के स्तर पर खुला.

25 पैसे की गिरावट: कारोबार के दौरान यह दिन के निचले स्तर 79.85 रुपये तक जाने के बाद कुछ सुधरा. अंत में यह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 25 पैसे की गिरावट दर्शाता 79.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बुधवार को रुपया 62 पैसे टूटकर 79.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. चालू वित्त वर्ष में यह एक दिन के कारोबार में रुपये में आई सर्वाधिक गिरावट थी. इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.27 प्रतिशत घटकर 106.22 रह गया.

चीन अमेरिका तनाव का असर: अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.69 प्रतिशत बढ़कर 97.45 डॉलर प्रति बैरल हो गया. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशीमुद्रा एवं सर्राफा विश्लेषक, गौरांग सोमैया के अनुसार, अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बाद रुपये में उतार-चढ़ाव अधिक रहेगा. सोमैया ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि अल्पावधि में अमेरिकी डॉलर और रुपये में 79.20 से 79.80 के दायरे में कारोबार होगा.” बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 51.73 अंक की गिरावट के साथ 58,298.80 अंक पर बंद हुआ.

विदेशी संस्थागत निवेशक बुधवार को पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल बने रहे. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार उन्होंने बुधवार को 765.17 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. बाजार सूत्रों ने कहा कि एशियाई मुद्राओं में रुपये का प्रदर्शन कमजोर है जिसका कारण देश का रिकॉर्ड व्यापार घाटा तथा अमेरिका-चीन के बीच तनाव बढ़ने के कारण जोखिम उठाने की धारणा का प्रभावित होना है. जुलाई में 17 माह बाद भारत का निर्यात पहली बार मामूली घटा है जबकि व्यापार घाटा लगभग तिगुना होकर रिकॉर्ड 31 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.

दूसरे दिन भी कमजोरी रहा रुपया: कच्चे तेल के आयात में करीब 70 प्रतिशत की वृद्धि की वजह से व्यापार घाटा बढ़ा है. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘भारतीय रुपया लगातार दूसरे दिन कमजोर रहा और एशियाई मुद्राओं में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा रहा. अस्थिरता को रोकने के लिए रिजर्व बैंक के संभावित हस्तक्षेप से रुपये के नुकसान को कुछ कम करने में मदद मिली.

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