Indian Railways-IRCTC News : भारतीय रेलवे के ट्रेनों में सफर करने वाले सवारियों के लिए खुशखबरी है. वह यह कि अब वे स्लीपर क्लास के टिकट पर एसी कोच में सफर कर सकते हैं. महामारी से धीरे-धीरे उबरने के क्रम में भारतीय रेलवे नियमों में बदलाव करके रेल यात्रा को पहले की तरह रिज्यूम कर रहा है. यात्रा और टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव की जानकारी उत्तर-मध्य रेलवे (एनसीआर) की ओर से दी गई है.
एनसीआर ने शुरू किया इकोनॉमी कोच का संचालन
मीडिया की खबरों के अनुसार, भारतीय रेलवे ने उत्तर मध्य रेलवे के तहत सस्ते एसी-3 टियर इकोनॉमी कोच का संचालन शुरू कर दिया है. ट्रेन नंबर 02403/02404 प्रयागराज-जयपुर-प्रयागराज डेली स्पेशल एक्सप्रेस में सस्ते एसी-3 टियर इकोनॉमी कोच का संचालन शुरू हो गया है. नए एसी कोच में कंवेंशनल एसी थ्री-टियर कोच में 72 की जगह 83 सीट है. रेलवे के अनुसार, इन कोचों में किराया भी सामान्य एसी थ्री टियर कोच से कम होगा.
यात्रियों को एसी कोच में सफर का मौका देना मकसद
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि स्लीपर क्लास के यात्रियों को एसी कोच की ओर आकर्षित करने के लिए नए एसी-3 इकोनॉमी क्लास के कोच को तैयार किया गया है. इसका मकसद उन लोगों को एसी कोच में सफर करने का अवसर उपलब्ध करवाना है, जो अभी तक महंगे किराये के डर से इन कोचों में टिकट बुक नहीं करवाते थे. इन नए एसी-3 इकोनॉमी क्लास में किराया एसी-3 कोच से 8 से 10 फीसदी तक कम रहेगा.
इकोनॉमी कोच में कई नए फीचर्स
उन्होंने बताया कि नए एसी-3 इकोनॉमी कोच में कई सारे फीचर्स जोड़े गए हैं. इन नए कोचों में 2 सीटों के बीच के गैप को कम कर दिया गया है. अभी तक सभी किसी एक कोच में अधिकतम 72 सीटें होती हैं, लेकिन एसी-3 इकोनॉमी कोच में बर्थ की संख्या 83 की गई है. महाप्रबंधक आशुतोष गंगल के अनुसार, इन बदलावों से रेलवे की कमाई बढ़ जाएगी. वहीं, किराये में कमी होने से यात्रियों को भी इसका फायदा होगा. उन्होंने कहा कि अभी एसी फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास और थर्ड क्लास के कोच में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
इंटीरियर डिजाइन में बदलाव
उन्होंने बताया कि एसी-3 इकोनॉमी कोच के इंटीरियर डिजाइन में भी बदलाव किया गया है. हर सीट के यात्री के लिए एसी डक अलग-अलग लगाया गया है. इसके साथ हर सीट के लिए बोटल स्टैंड, रीडिंग लाइट और चार्जिंग की व्यवस्था की गई है.
कोच में मिलेगा इन्फॉर्मेशन डिस्प्ले बोर्ड
कोरोना महामारी को देखते हुए वॉश बेसिन के डिजाइन में भी बदलाव किया गया है. आप पैर के सहारे भी बटन को पुश करके नल चलाकर वॉश बेसिन में हैंड वॉश कर सकते हैं. दिव्यांगों के लिहाज से सहूलियत भरे टॉयलेट डिजाइन किए गए हैं. स्मोक डिटेक्टर और इंफॉर्मेशन डिस्प्ले बोर्ड की व्यवस्था कर कोच के इंटीरियर को बेहतर बनाया गया है.