साल 2025 में सोने का कमाल, निवेशकों को 67% तक रिटर्न देकर कर दिया मालामाल

Gold Investment: साल 2025 में सोने ने निवेशकों को लगभग 67% तक रिटर्न देकर मालामाल कर दिया. रुपये की कमजोरी, वैश्विक अनिश्चितता और केंद्रीय बैंकों की खरीद ने कीमतों को नई ऊंचाई दी. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2026 में सोना 5% से 16% तक और बढ़ सकता है. 2025 में सोने ने ऐतिहासिक वापसी की और यह साबित कर दिया कि अस्थिरता के समय में यह निवेशकों का असली साथी है. मजबूत वैश्विक संकेत, रुपये की कमजोरी, भू-राजनीतिक अनिश्चितता और बढ़ती मांग आने वाले साल में भी सोने को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है.

By KumarVishwat Sen | December 7, 2025 7:27 PM

Gold Investment: साल 2025 भारतीय निवेशकों के लिए सोने के मामले में ऐतिहासिक साबित हुआ है. जिस समय शेयर बाजार और बॉन्ड बाजार सीमित रिटर्न दे रहे हैं, वहीं सोना सुरक्षित निवेश का राजा बनकर उभरा है. घरेलू सर्राफा बाजार में इस कीमती धातु ने पूरे साल में लगभग 67% तक का धांसू रिटर्न दिया है, जिसने निवेशकों को मालामाल कर दिया. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियां और रुपये–डॉलर का समीकरण इसी तरह बना रहता है, तो 2026 में भी सोने के दाम 5% से 16% तक और बढ़ सकते हैं.

2025 में सोने का ऐतिहासिक उछाल

दिल्ली सर्राफा बाजार के आंकड़े बताते हैं कि 1 जनवरी 2025 को सोने का भाव 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो बढ़कर 5 दिसंबर 2025 को 1,32,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. यानी महज 11 महीनों में 53,510 रुपये की बेमिसाल बढ़ोतरी दर्ज की गई. सोने की इस लंबी छलांग के पीछे कई बड़े कारक वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद, डॉलर के मुकाबले रुपये का लगातार कमजोर होना और महंगाई के खिलाफ सुरक्षा के रूप में सोने की बढ़ती मांग रहे. मेहता इक्विटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस साल सोना 60% तक चढ़ा, जबकि भारत में रिटर्न इससे भी अधिक—करीब 67% रहा. इसके पीछे रुपये की कमजोरी और घरेलू मांग प्रमुख वजहें रहीं.

क्यों सोना इस वर्ष सभी निवेश उत्पादों से आगे रहा?

2025 में सोने ने हर पारंपरिक निवेश साधन को पछाड़ दिया. पूरे साल के दौरान निफ्टी 50 टीआरआई ने निवेशकों को केवल 6.7% रिटर्न दिया, तो निफ्टी 500 टीआरआई का रिटर्न 5.1% तक ही सिमटकर रह गया. हालांकि, 10 साल वाला सरकारी बॉन्ड यील्ड ने निवेशकों को करीब 6.53% तक रिटर्न दिया है. इसके मुकाबले सोने का 67% का रिटर्न निवेशकों को यह भरोसा दिलाता है कि अस्थिर समय में भी यह सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय परिसंपत्ति है.

सोने की कीमतें इतनी तेजी से क्यों बढ़ीं?

  • वैश्विक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव: रूस-यूक्रेन, मध्य पूर्व और एशिया में बढ़ते तनाव ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्प तलाशने पर मजबूर किया.
  • डॉलर इंडेक्स में कमजोरी: कमजोर डॉलर का सीधा लाभ सोने के दामों को मिलता है.
  • महंगाई और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद: फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंक अगले साल दरों में कटौती कर सकते हैं, जिससे सोना और महंगा हो सकता है.
  • दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा भारी खरीद: कई देशों ने विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर रखने के लिए सोने की खरीद को बढ़ा दिया.
  • भारतीय रुपये की कमजोरी: रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ और इसने सोने की घरेलू कीमतों को और ऊपर धकेला.

2026 में कितना बढ़ेगा सोना?

राहुल कलंत्री और आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक थॉमस स्टीफन दोनों का मानना है कि 2026 में सोने के दाम 5% से 16% तक बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर रुपये की कमजोरी जारी रही, तो सोने के दाम भारत में 1.45 लाख से 1.55 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं. इन अनुमानों से साफ है कि सोने की चमक अगले साल भी बरकरार रहने वाली है.

क्या अभी सोने में निवेश करना चाहिए?

राहुल कलंत्री और थॉमस स्टीफन का मानना है कि मौजूदा हालात सोने में निवेश के लिए उपयुक्त हैं, लेकिन रणनीति बेहद सोच-समझकर बनानी चाहिए. पोर्टफोलियो का 5% से 10% हिस्सा सोना और चांदी जैसी कीमती धातुओं में रखें. इसे जोखिम प्रबंधन के एक साधन की तरह देखें, न कि एकमात्र निवेश विकल्प के तौर पर. पोर्टफोलियो का 8% से 12% सोने में होना चाहिए. इसे 12%–17% तक बढ़ाया जा सकता है. अगर कीमतों में 4% से 5% की गिरावट आए, तो अतिरिक्त निवेश करें.

सोने में कैसे करें निवेश, एकमुश्त या एसआईपी?

अब तक की तेज बढ़ोतरी को देखते हुए विशेषज्ञ एकमुश्त निवेश से बचने की सलाह देते हैं. उनका कहना है कि गोल्ड ईटीएफ में एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) या एसटीपी (सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान) के तहत गिरावट के समय चरणबद्ध तरीके से निवेश करना चाहिए.

फिजिकल सोने की जरूरतें

शादी-समारोहों और पारंपरिक इस्तेमाल के लिए थोड़ा फिजिकल सोना रखना उचित है, लेकिन पूंजी निर्माण के लिए गोल्ड ईटीएफ सबसे बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें सुरक्षा, रख-रखाव और प्योरिटी की चिंता नहीं होती.

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2025 में चमका सोना, 2026 भी रहेगा दमदार

2025 में सोने ने ऐतिहासिक वापसी की और यह साबित कर दिया कि अस्थिरता के समय में यह निवेशकों का असली साथी है. मजबूत वैश्विक संकेत, रुपये की कमजोरी, भू-राजनीतिक अनिश्चितता और बढ़ती मांग आने वाले साल में भी सोने को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है. सही रणनीति और अनुशासन के साथ निवेशकों के लिए यह अभी भी आकर्षक विकल्प बना हुआ है.

भाषा इनपुट के साथ

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