New wage code: सरकारी कर्मचारियों का वेतन आयोग (7th Pay Commission) लागू होता है या वेतनमान में सुधार होता है, तो उनको फायदा होता है. लेकिन, आपके लिए लागू होने जा रहे न्यू वेज कोड की वजह से आपकी जेब हल्की होने वाली है. नये वित्त वर्ष में वेतन से जुड़ा न्यू वेज कोड (New Wage Code) लागू होने वाला है. इसकी वजह से आपकी बेसिक सैलरी (मूल वेतन) बढ़ जायेगी. आपकी सीटीसी का स्ट्रक्चर भी बदल जायेगा. बेसिक सैलरी बढ़ने के बावजूद आपको हाथ में या बैंक अकाउंट में अब पहले की तुलना में कम पैसे आयेंगे.
न्यू वेज कोड के ड्राफ्ट रूल्स लगभग तैयार हैं. New Wag Code के लागू होने के बाद उन लोगों को फायदा होने वाला है, जिनकी बेसिक सैलरी बहुत कम है. नये नियम में व्यवस्था की गयी है कि आपकी कुल सैलरी (CTC) का 50 फीसदी आपका बेसिक होगा. इसी बेसिक पर आपको पीएफ देना होगा. यानी पीएफ में आपका कंट्रीब्यूशन बढ़ेगा. फलस्वरूप आपकी टेक होम सैलरी घट जायेगी.
न्यू वेज कोड के मुताबिक, हर महीने मिलने वाली पूरी सैलरी में बेसिक का हिस्सा 50% होगा. कुल CTC में मूल वेतन (Basic Salary), महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और Retaining Allowance शामिल होता है. तीनों को जोड़कर मिलने वाली कुल सैलरी हर महीने मिलने वाले वेतन का 50 फीसदी होना चाहिए. बाकी वेतन में दूसरे भत्ते शामिल होंगे.
New wage code: सैलरी स्ट्रक्चर को समझें
अभी जो सैलरी स्ट्रक्चर है, उसमें CTC का 32 फीसदी बेसिक सैलरी होती है. अगर वर्तमान में आपको 1.50 लाख रुपये सीटीसी मिलती है, तो आपकी बेसिक सैलरी हो जायेगी 48,000 रुपये. कुल वेतन का 50 फीसदी यानी 24,000 रुपये हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और बेसिक सैलरी (48,000 रुपये) का 10 फीसदी नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में जायेगा. यानी एनपीएस में जमा होंगे 4,800 रुपये. बेसिक सैलरी से 12 फीसदी यानी 5,760 रुपये प्रॉविडेंट फंड (EPF) में चले जायेंगे.
इस तरह 1.50 लाख रुपये प्रति माह की सैलरी वालों के 82,560 रुपये का हिसाब हो गया. अब बाकी के 67,440 रुपये आपको अन्य भत्तों (स्पेशल अलाउंस, फ्यूल एंड ट्रांसपोर्ट, फोन, अखबार एवं किताबें, सालाना बोनस में मासिक हिस्सेदारी, ग्रेच्यूटी) के रूप में मिल रहे हैं.
सैलरी के किस पार्ट पर टैक्स और कौन-सा पार्ट टैक्स फ्री?
बेसिक सैलरी, स्पेशल अलाउंस, बोनस आदि पर आपको पूरा टैक्स देना होता है. फ्यूल और ट्रांसपोर्ट, फोन, अखबार और किताबों के लिए अगर आपको कोई अलाउंस मिल रहा है, तो उस पर टैक्स नहीं देना पड़ता. यानी ये भत्ते टैक्स फ्री हैं. अब हो सकता है कि HRA के कुछ हिस्सा पर आपको टैक्स देना पड़े. बेसिक सैलरी का 10 फीसदी NPS में जायेगा, जो टैक्स फ्री है. ग्रेच्यूटी में 20 लाख रुपये तक की राशि पर आपको टैक्स नहीं देना होता. अगर उससे ज्यादा पैसे जमा हैं, तो आपको उस पर टैक्स का भुगतान करना होगा.
Posted By: Mithilesh Jha