नई दिल्ली : अदाणी ग्रुप ने सोमवार को कहा कि प्रवर्तक कर्जदाताओं के पास गिरवी रखे शेयरों को परिपक्वता अवधि से पहले छुड़ाने के लिए 111.4 करोड़ डॉलर का भुगतान करेंगे. इसकी परिपक्वता सितंबर 2024 में होनी है. ग्रुप ने सोमवार को एक बयान में कहा कि गिरवी रखे गए ये शेयर अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स, अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी ट्रांसमिशन के हैं. बयान के अनुसार, ‘यह कदम शेयरों को गिरवी रखकर वित्तपोषण की व्यवस्था वाले सभी मामलों में समय-पूर्व भुगतान के प्रर्वतकों के आश्वासन के अनुरूप है.’
अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अदाणी समूह के खिलाफ कथित धोखाधड़ी और शेयरों में गड़बड़ी के आरोपों को देखते हुए यह बयान महत्वपूर्ण है. इस रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है.
बयान के अनुसार, हाल में बाजार में आए उतार-चढ़ाव और सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के एवज में लिए गए कर्ज को कम करने की प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता के परिप्रेक्ष्य में हमें यह सूचना देते हुए खुशी है कि प्रवर्तकों ने 111.4 करोड़ डॉलर का समय-पूर्व भुगतान करने का फैसला किया है. वैसे इसकी परिपक्वता अवधि सितंबर 2024 की थी.
Also Read: अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट जारी, अदाणी एंटरप्राइजेज का स्टॉक 9.5 फीसदी टूटा
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, समय-पूर्व 111.4 करोड़ रुपये के भुगतान से अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स के 16.827 करोड़ शेयर वापस आएंगे, जो प्रवर्तकों की 12 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है. अदाणी ग्रीन के मामले में 2.756 करोड़ शेयर यानी प्रवर्तकों की तीन फीसदी हिस्सेदारी जारी होगी. वहीं, अदाणी ट्रांसमिशन के 1.177 करोड़ शेयर जारी होंगे. यह प्रवर्तकों की 1.4 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है.
अदाणी ग्रुप मामले पर संसद में विपक्ष का हंगामा जारी है. विपक्ष के हंगामे की वजह से सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई है. इसके साथ ही, विपक्ष ने सोमवार को साझा रणनीति पर चर्चा की. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़े मामले और कुछ अन्य विषयों को लेकर सोमवार को संसद में अपनी साझा रणनीति पर चर्चा की और परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे इन नेताओं ने एक बड़ा बैनर भी ले रखा था, जिस पर ‘अडाणी स्कैन्डल या जेपीसी जांच या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो’ लिखा था.