नयी दिल्ली: सरकार ने उत्तर प्रदेश व गुजरात सहित विभिन्न राज्यों में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 10,736 करोड रपये मूल्य की रेल परियोजनाओं को आज मंजूरी दी. इन दोनों राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इनमें मौजूदा रेल लाइनों के दोहरीकरण की तीन व व्यस्त मार्गों पर तीसरी रेल लाइन बिछाने की दो परियोजनाएं शामिल हैं.
सीसीईए की बैठक के बाद केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा,‘ मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सीसीईए ने रेल लाइनों के दोहरीकरण व तिहरीकरण के लिए 10,736 करोड रपये मूल्य की परियोजनाओं को मंजूरी दी है. कुल मिलाकर पांच नई परियोजनाएं हैं जिनमें तीन परियोजनाओं में 763 किलोमीटर लंबी रेललाइन का दोहरीकरण किया जाना है जबकि दो परियोजनाओं में 514 किलोमीटर लंबी तीसर रेल लाइन बिछाई जानी है.
‘ उन्होंने कहा,‘ इन परियोजनाओं का फायदा निश्चित रूप से कई राज्यों को मिलेगा लेकिन दो महत्वपूर्ण राज्यों को इनका बडा फायदा होगा जिनमें एक गुजरात व दूसरा उत्तर प्रदेश है. ‘ परियोजनाओं का ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया कि समिति ने 1002.39 करोड रुपए की अनुमानित लागत से सुरेन्द्रनगर राजकोट रेल लाईन दोहरीकरण परियोजना को स्वीकृति दे दी है. खर्च में प्रतिवर्ष पांच प्रतिशत की वृद्धि के साथ परियोजना की पूर्णता लागत 1137.17 करोड रुपए होगी. इस रेल लाईन की लंबाई 116.17 किलोमीटर होगी और यह चार वर्षों में पूरी होगी. उन्होंने कहा,‘ यह गुजरात की औद्योगिकीकरण क्षमता के लिए बड़ा संबल है. ‘
प्रभु ने कहा कहा कि इस लाईन के दोहरीकरण से ओखा-राजकोट,पोरबंदर-कनालूस, वेरावल-राजकोट तथा मलिया मइयानावलखी-दहीनासारा-वंकानेर सेक्शन पर मालगाडियों के कारण बोझ हल्का होगा.
इसी तरह समिति ने 1295.42 करोड रुपए की लागत से रोजा-सीतापुर कैंट-बढवाल बडी लाईन सिंगल लाईन परियोजना के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी गई है. खर्च में प्रति वर्ष पांच प्रतिशत वृद्धि के साथ इस परियोजना के पूरा होने पर 1486.46 करोड रुपए की लागत आएगी. इस रेल लाईन की लंबाई 180.77 किलोमीटर होगी और यह पांच वर्षों में पूरी होगी। बढवाल जंक्शन और रोजा जंक्शन के बीच इस लाईन के दोहरीकरण से क्षेत्र का सामाजिक, आर्थिक विकास होगा.
इसके अतिरिक्त गोरखपुर से दिल्ली वाया सीतापुर कैंट तथा मुरादाबाद निरंतर दो लाईन का ट्रैक उपलब्ध होगा.इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के बारांबंकी तथा सीतापुर जिले लाभान्वित होंगे. सीसीईए ने 3627.47 करोड रुपए की लागत से पुणे-मिराज-लोंडा रेल लाईन के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है. खर्च में प्रति वर्ष पांच फीसदी वृद्धि के साथ परियोजना की पूर्णता लागत 4246.84 करोड रुपए होगी. इस रेल लाईन की लंबाई 467 किलोमीटर होगी और परियोजना पांच वर्षों में पूरी हो जाएगी.
लोगों की यात्रा के अतिरिक्त इस लाईन से मिराज-लोंडा सेक्शन के आस-पास के उद्योगों को लाभ होगा। इस लाईन के दोहरीकरण से पुणे-मिराज-लोंडा के बीच माल ढुलाई बोझ में कमी आएगी और रेलवे के राजस्व में वृद्धि होगी. इसी तरह समिति ने 2,478.23 करोड रुपए की अनुमानित लागत तथा 2,917.06 करोड रुपए की अनुमानित पूर्णता लागत से बीना-कटनी तीसरी लाईन परियोजना शुरु करने की मंजूरी दे दी है. यह 278.7 किलोमीटर लंबी रेल लाईन पांच साल में तैयार होगी. यात्रा में सुविधा के अतिरिक्त तीसरी लाईन से क्षेत्र के ताप बिजली संयंत्रों उत्पादों की आवाजाही हो सकेंगी. इससे बीना-कटनी सेक्शन की बीच सामानों की आवाजाही में सहजता आएगी और रेलवे का राजस्व बढेगा। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के सागर, दामोह और कटनी जिले को लाभ मिलेगा.
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