नयी दिल्ली : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर आगे विचार के लिए कार्यबिंदु तैयार करने के उद्देश्य से विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के नोडल अधिकारियों की पहली बैठक दो फरवरी को होगी. इन सिफारिशों का असर केंद्र सरकार के लगभग एक करोड़ कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के वेतन भुगतान पर होगा.
आयोग की सिफारिशों पर काम (प्रसंस्करण) के लिए कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता वाली सचिवों की अधिकारसंपन्न समिति गठित की गई थी. इन सिफारिशों के अमल में आने से सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
वित्त मंत्रालय में एक कार्यान्वयन प्रकोष्ठ बनाया गया है जो कि समिति के सचिवालय के रुप में काम करेगा.वित्त मंत्रालय के परिपत्र के अनुसार संयुक्त सचिव (कार्यान्वयन प्रकोष्ठ ) दो फरवरी को मंत्रालयों: विभागों के सभी नोडल अधिकारियों की बैठक लेंगे और सिफारिशों पर अमल से जुडे विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे.वित्त मंत्रालय ने नवंबर में सभी सम्बद्ध मंत्रालयों व विभागों से संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधकारी नियुक्त करने को कहा था जो कि कार्यान्वयन प्रकोष्ठ के साथ संवाद करेगा.
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