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चीनी के उत्पादन में 24 प्रतिशत वृद्धि : इस्मा

नयी दिल्ली: देश में चीनी का उत्पादन इसके मौजूदा विपणन वर्ष के शुरुआती दो महीने (अक्तूबर-नवंबर) में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 24 प्रतिशत बढकर 23.60 लाख टन रहा है. महाराष्ट्र में उत्पादन अधिक होने से यह वृद्धि हुई है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बडा चीनी उत्पादक देश है जबकि यहां […]

नयी दिल्ली: देश में चीनी का उत्पादन इसके मौजूदा विपणन वर्ष के शुरुआती दो महीने (अक्तूबर-नवंबर) में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 24 प्रतिशत बढकर 23.60 लाख टन रहा है. महाराष्ट्र में उत्पादन अधिक होने से यह वृद्धि हुई है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बडा चीनी उत्पादक देश है जबकि यहां चीनी की सबसे ज्यादा खपत होती है. देश से चीनी का निर्यात इन दो महीनों के दौरान 1.75 लाख टन रहा.

चीनी का विपणन सत्र हर साल अक्तूबर से शुरु होकर अगले साल सितंबर तक रहता है. चीनी मिलों के संगठन भारतीय चीनी मिल संघ :इस्मा: ने मौजूदा विपणन सत्र के पहले दो माह के उत्पादन आंकडे जारी करते हुए कहा कि एक्स-मिल चीनी के दाम जो कि पिछले छह से सात साल के निचले स्तर तक गिर गये थे पिछले कुछ दिनों में चार से पांच रुपये किलो सुधरे हैं लेकिन उत्पादन लागत के मुकाबले दाम अभी भी 5-6 रुपये किलो नीचे है. इस्मा ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘चालू विपणन सत्र 2015-16 में 30 नवंबर तक चीनी का उत्पादन 23.60 लाख टन रहा जो कि एक साल पहले इसी अवधि के उत्पादन के मुकाबले 4.62 लाख टन अधिक है.
पिछले साल इसी अवधि में 18.98 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था.’ इस साल देश में कुल 2.60 से लेकर 2.70 करोड टन चीनी उत्पादन होने की उम्मीद है. अधिशेष स्टॉक को निकालने के लिए सरकार ने मिलों को इस सत्र में 40 लाख टन चीनी निर्यात करना अनिवार्य किया है. इस्मा ने कहा कि बाजार रिपाटोंर् के अनुसार करीब चार लाख टन चीनी निर्यात के अनुबंधों को अंतिम रूप दे दिया गया है, जो कि ज्यादातर सफेद चीनी है. एक अक्तूबर 2015 से 1.75 लाख टन के करीब चीनी का निर्यात किया जा चुका है.

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