पणजी : केंद्र के आश्वासन के बावजूद कर्नाटक और केरल ने प्रस्तावित सडक परिवहन विधेयक को लेकर कुछ चिंताएं जतायी हैं और कहा है कि इससे उनके अधिकारों का अतिक्रमण होगा. केंद्र ने राज्यों को आश्वस्त किया है कि इस पर चिंता की कोई बात नहीं होगी. गोवा में 21वीं दक्षिण भारत परिवहन परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जा रही है. बैठक में कर्नाटक तथा केरल सरकार ने प्रस्तावित सडक परिवहन तथा सुरक्षा विधेयक-2015 को लेकर आपत्ति जतायी.
कल हुई बैठक में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे. केरल के परिवहन मंत्री तिरुवंचूर राधाकृष्णन ने कल शाम बैठक में कहा, ‘प्रस्तावित विधेयक की धारा दो के तहत राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों का अपने क्षेत्र में सडक परिवहन पर कोई नियंत्रण नहीं होगा जो देश के संघीय ढांचे और संविधान के खिलाफ है.’
उन्होंने कहा, ‘इसके कारण राज्य सरकारें उन योजनाओं या कार्यक्रमों को तैयार करने में सक्षम नहीं होगा जो विशेष रूप से राज्य विशेष पर केंद्रित होंगे और सडक परिवहन, सडक सुरक्षा तथा योजना पर पूरा नियंत्रण केंद्र सरकार के पास होगा.’ कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंग रेड्डी ने भी कहा कि विधेयक में कई प्रावधान राज्य के अधिकार क्षेत्र को प्रभावित करने वाले हैं. गडकरी ने कहा कि केंद्र का सहयोगपूर्ण संघवाद में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने का कोई इरादा नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘मैं राज्यों को आश्वस्त करता हूं कि वह (केंद्र) उसके कामों में किसी प्रकार की बाधा खडी नहीं करेंगा. हम आपके राजस्व का एक भी पैसा नहीं लेंगे और वास्तव में हम राज्यों को समर्थन देना चाहते हैं.’ केद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित कानून को लेकर गलत धारणा बनी हुई है. उन्होंने कहा, ‘हमने विश्व बैंक के साथ सलाह के साथ एक समिति गठित की है और हम ब्रिटेन तथा अन्य देशों के सडक कानून का अध्ययन करेंगे. हम इस बात पर गौर करेंगे कि उनका कानून क्या है और उसके आधार पर हम विधेयक में संशोधन करेंगे.’
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