नयी दिल्ली: डालर के मुकाबले रुपये के गिरकर 60 रुपये प्रति डालर के स्तर को छू जाने के बीच वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि रुपये की दुर्गति नहीं हो रही है. सरकार, रिजर्व बैंक और सेबी स्थिति के प्रति सजग हैं तथा आवश्यकता के अनुरुप कदम उठाए जाएंगे.
यह पूछने पर कि रुपये के डालर के मुकाबले 60 के स्तर पर पहुंचने के मद्देनजर लगातार जारी गिरावट पर लगाम लगाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन ने कहा ‘‘हमारे पास उपायों की कमी नहीं है .. हमारे पास कई तरह के साधन और उपाय हैं, जब भी जरुरत पड़ेगी, हम इन्हें उपयोग में ला सकते हैं, इनका उपयोग करेंगे.’’
उन्होंने कहा कि ‘‘वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी सभी इस संबंध में सतर्क है. ‘‘(रुपये की गिरावट थामने के लिये) हमारे पास सभी विकल्प खुले हैं. हमें विकल्पों पर सोचने के संबंध में बहुत सतर्क रहना होगा.’’ रुपया आज कारोबार के दौरान 60 रुपये प्रति डालर तक गिर गया. बाद में सुधर कर दोपहर के कारोबार में यह 59.7 के स्तर पर आ गया.अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष बेन बर्नांके की इस साल मौद्रिक प्रोत्साहन कम करने की पहल से जुड़ी टिप्पणी के बाद डालर अन्य मुद्रा के मुकाबले मजबूत हुआ.
राजन ने कहा ‘‘रुपये की दुर्गति नहीं हो रही. हमें जरुरत से ज्यादा निराशावादी नहीं होना चाहिए .. हमें उतार-चढ़ाव पसंद नहीं. जरुरत के मुताबिक हम पहल करेंगे.’’उन्होंने कहा कि चालू खाते का घाटा (कैड) बहुत अधिक है और सरकार इस पर लगाम लगाने के लिए पहल कर रही है.
उन्होंने कहा ‘‘हमारा चालू खाते का घाटा बहुत बड़ा है लेकिन मेरा मानना है कि हम इस पर लगाम लगाने की दिशा में है .. सोने का आयात अपने उच्चतम स्तर से नीचे आ रहा है.’’उन्होंने हालांकि सोने के आयात पर हड़बड़ी में कोई पहल करने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि ऐसी पहल देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी नहीं है.
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