नयी दिल्ली : डीजल की बिक्री पर मुनाफा बढकर 1.90 रुपये प्रति लीटर हो गया है जबकि पेट्रोलियम मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के स्वदेश लौटने के बाद दाम घटाने पर फैसला लेने की बात कही थी. आधिकारिक बयान के अनुसार कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी के बीच डीजल की बिक्री पर ओवर रिकवरी (मुनाफा) बढकर 1.90 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है. सितंबर के दूसरे पखवाडे में डीजल की बिक्री पर मुनाफा 35 पैसे प्रति लीटर थी. इस मुनाफे का मतलब डीजल के कीमतों में कटौती की गुंजाइश है.
लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय ने पिछले महीने इंतजार करो की नीति अपनायी. डीजल बिक्री मुनाफे में और वृद्धि को देखते हुए अब वह दाम घटाना चाहता है ताकि ग्राहकों को फायदा मिल सके लेकिन इसके अधिकार के बारे में अनिश्चित है. सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय का मानना है कि उसे दाम घटाने का स्पष्ट अधिकार नहीं है क्योंकि जनवरी 2013 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हर महीने दाम 40-50 पैसे प्रति लीटर बढाने का फैसला किया था.
चूंकि डीजल के दाम को नियंत्रण मुक्त नहीं किया गया है इसलिए दाम घटाए नहीं जा सकते. वहीं पेट्रोल की कीमतों को जून 2010 में नियंत्रण मुक्त कर दिया गया था. इसलिए पेट्रोल के दाम में हर पखवाडे लागत के हिसाब से बदलाव होता है. बुधवार से पेट्रोल 54 पैसे प्रति लीटर सस्ता किया गया. सूत्रों ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बदलते परिदृश्य के बारे में पहले ही मोदी को पत्र लिखा है.
इसके अलावा महाराष्ट्र व हरियाणा में विधानसभा चुनावों को देखते हुए मंत्रालय ने दाम के बारे में चुनाव आयोग की राय भी मांगी है. सूत्रों ने कहा कि इस बारे में कोई फैसला मोदी के लौटने के बाद ही किया जाएगा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.