नयी दिल्ली : कृषि मंत्रालय ने बुधवार को आयातित प्याज के मामले में कीटनाशक छिड़काव संबंधी नियमों में ढील की समयसीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है. प्याज के बढ़ते दाम को काबू में रखने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है, ताकि घरेलू बाजार में जल्द से जल्द आपूर्ति बढ़ायी जा सके. हाल के दिनों में खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो की ऊंचाई पर जा पहुंची हैं.
छह नवंबर को कृषि मंत्रालय ने प्लांट क्वारंटाइन (पीक्यू) ऑर्डर, 2003 के तहत 30 नवंबर तक कीटनाशक छिड़काव (धूम्रीकरण) मानक में ढील दी थी, ताकि अफगानिस्तान, मिस्र, तुर्की और ईरान से प्याज की आयात सुविधा दी जा सके और कीमतों में तेजी पर अंकुश लगे. अपने ताजा आदेश में मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ प्याज के आयात के लिए धूम्रीकरण नियमों में दी गयी छूट की समयसीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है.
इसमें कहा गया है, जिन व्यापारियों ने बिना किसी कीटनाशक गैस छिड़काव के प्याज का आयात किया है या फाइटोसैनेटिक प्रमाण पत्र (पीएससी) पर इस तरह के उपचार का वादा किया है, उन्हें एक मान्यता प्राप्त उपचार प्रदाता के माध्यम से भारत में धूम्रीकरण की अनुमति दी जायेगी. आदेश में कहा गया है कि इस आयात की खेप को अलग रखने वाले संगरोधन अधिकारियों द्वारा पूरी तरह से निरीक्षण किया जायेगा और केवल तभी जारी किया जायेगा, जब वे भारत की चिंता वाले कीटों और बीमारियों से मुक्त पाये जायेंगे.
इसके अलावा, प्याज की ऐसी खेप को 2003 के पीक्यू ऑर्डर के तहत शर्तों का पालन नहीं करने के कारण चार गुना अतिरिक्त निरीक्षण शुल्क नहीं देना होगा. मौजूदा समय में आयातित प्याज को देश में मिथाइल ब्रोमाइड से धूम्र-उपचार और निर्यात करने वाले देश द्वारा प्रमाणित करने के बाद देश में लाने की अनुमति है. इस प्रावधान का पालन न करने पर आयातकों को भारी शुल्क देना पड़ता है. चूंकि प्याज की कीमतें नरम नहीं हुई हैं, इसलिए सरकार ने सार्वजनिक व्यापार कंपनी एमएमटीसी के माध्यम से लगभग एक लाख टन प्याज का आयात कर इसकी उपलब्धता बढ़ाने का फैसला किया है.
एमएमटीसी ने पहले ही लगभग 4,000 टन प्याज का आयात करने के लिए निविदा जारी की हुई है. सरकार निजी आयातकों को भी सुविधा प्रदान कर रही है. सूत्रों ने कहा कि निजी व्यापारियों ने सरकार को सूचित किया है कि उन्होंने 2,400 टन प्याज के आयात के लिए आदेश दिया है, जो महीने के अंत तक भारत पहुंच जायेगा.
इसके अलावा, और भी मात्रा यानी 2,600 टन प्याज के दिसंबर तक आयात के लिए अनुबंध किया जायेगा. उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के कारण खरीफ प्याज के उत्पादन में 30-40 फीसदी की कमी होने से देश में प्याज की खुदरा कीमतें एक महीने से अधिक समय से महंगी बनी हुई हैं.
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