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एक्सपर्ट व्यू : सकारात्मक क्रांतियां अच्छे फल देती हैं, शेयर बाजार का रिकॉर्ड उछाल ला सकता है सुनहरा दौर

शशांक भारद्वाज, वीपी व रीजनल हेड, च्वाइस ब्रोकिंग भारतीय शेयर बाजार धराशायी थे. सेंसेक्स और निफ्टी अपने ऊपरी स्तरों से लगभग 13 प्रतिशत तक टूट चुके थे. यहां से भी नीचे जाने की भविष्यवाणी होने लगी थी. चारों ओर निराशा का भाव था. अर्थव्यवस्था और जीडीपी में गिरावट फैल रही थी. देश-विदेश में भारतीय अर्थव्यवस्था […]

शशांक भारद्वाज, वीपी व रीजनल हेड, च्वाइस ब्रोकिंग
भारतीय शेयर बाजार धराशायी थे. सेंसेक्स और निफ्टी अपने ऊपरी स्तरों से लगभग 13 प्रतिशत तक टूट चुके थे. यहां से भी नीचे जाने की भविष्यवाणी होने लगी थी. चारों ओर निराशा का भाव था. अर्थव्यवस्था और जीडीपी में गिरावट फैल रही थी. देश-विदेश में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती की चर्चा तेजी से होने लगी थी. ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मास्टर स्ट्रोक के साथ आयीं और एक ही झटके में बहुत कुछ बदल दिया
शेयर बाजार में आया रिकॉर्ड उछाल
सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स की दरों में उल्लेखनीय कमी कर दी और उससे से भी बड़ी बात यह हुई कि मैन्युफैक्चरिंग के नये कारखानों के लिए सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स की दर 15 प्रतिशत कर दी. इससे भारत एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है और ऐसा हुआ तो भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ा उछाल आयेगा और यह एक अपेक्षाकृत स्थायी प्रकृति का होगा. चूंकि शेयर बाजार मोटे तौर पर अर्थव्यवस्था को परिलक्षित करता है, तो बुरी तरह पिटे भारतीय शेयर बाजार में भी जान लौट सकती है. भारतीय शेयर बाजार में प्रारंभिक प्रतिक्रिया ऐसी रही भी. निर्मला सीतारमण जी की इन घोषणाओं के बाद भारतीय शेयर बाजार के सूचकांको में ऐतिहासिक उछाल देखा गया और दो ही दिनों में मार्केट 10 प्रतिशत के आसपास तेजी से चढ़ गया.
गेम चेंजर हैं ये कदम
नयी मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों पर कॉरपोरेट टैक्स कटौती के बाद यह पूरे विश्व में सबसे कम दरों में एक हो गयी हैं. इससे बड़े पैमाने पर बड़ी विदेशी कंपनियां भारत में अपने उपक्रम लगा सकती हैं. साथ ही रोजगार के बहुत सारे अवसर पैदा करेगा. सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ेगा. अर्थव्यवस्था का आधार फैलेगा और भारत एक संपन्न और विकसित राष्ट्र की ओर अग्रसर होगा. हालांकि इस दिशा में कुछ और भी प्रयास की आवश्यकता है, जैसे ब्याज की दरों में कमी की अर्थव्यवस्था, इज ऑफ डूइंग बिजनेस पर ठोस कार्य, लाइसेंसों का न्यूनीकरण, श्रम सुधार आदि.
सुनहरा दौर आ सकता है
अगर सरकार गंभीरता और तेजी के साथ इन दिशाओं में भी आगे बढ़ती है तो भारतीय अर्थव्यवस्था का सुनहरा दौर प्रारंभ हो सकता है और ऐसा हुआ तो भारतीय शेयर बाजार का भी प्लेटिनम दौर शुरू हो जायेगा. इस घटनाक्रमों के मद्देनजर भारतीय शेयरों में निवेश के आकर्षक अवसर बनते है और आशातीत लाभ हो सकता है.
बेहतर रिटर्न मिलने की है उम्मीद
अच्छे फंडामेंटल वाले मिड कैप और अपने क्षेत्र विशेष के प्रमुख शेयरो में निवेश करने से अच्छे प्रतिफल मिल सकते हैं. इनमें निवेश किया जाना चाहिए. साथ ही अच्छी एएमसी के मिड कैप और स्माॅल कैप के म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना चाहिए. शेयर मार्केट को आशा है कि शेयर लाभ से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन भी हटेगी. अगर ऐसा हुआ तो शेयरों में चौतरफा और बड़ी तेजी आयेगी.
अंतत: यह कहा जा सकता है कि अब शेयर और इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंडों में आक्रामक निवेश किया जा सकता है क्योंकि सरकार एक्शन में है और क्रांतिकारी कदम उठाने में सक्रिय भी दिख रही है. आर्थिक सुधारों के काफी दिन बाद भारत आर्थिक क्रांति के मुहाने पर खड़ा है और सकारात्मक क्रांतियां अच्छे फल देती है.

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