भोपाल : मध्य प्रदेश में टमाटर उपजाने वाले किसान समुचित कीमत नहीं मिलने की वजह से संकट से घिरे हुए हैं. शुक्रवार को सूबे के सीहोर जिले के बाद नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में टमाटर के भाव दो रूपये प्रति किलोग्राम भी नहीं मिलने से गुस्साए किसानों ने टमाटर वहां सब्जी मंडी में सड़क पर फेंक दिया. किसानों का कहना है कि टमाटर उगाना आजकल नुकसान का धंधा हो गया है. इसलिए इसे सड़क पर बिखेर रहे हैं. इससे ठीक दो दिन पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर स्थित शाहगंज इलाके में भी टमाटर के भाव दो रूपये प्रति किलोग्राम न मिलने पर किसानों को अपने द्वारा कड़ी मेहनत से उगायी गयी इस उपज को सड़क पर फेंकने के लिए बाध्य होना पड़ा था.
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किसान यूनियन संगठन नरसिंहपुर के अध्यक्ष बाबू पटेल ने बताया कि किसान को टमाटर का उत्पादन करने में जो खर्चा आता है, उसे वह भी नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों की वित्तीय हालात बहुत खराब हो गयी है और राज्य सरकार उनकी मदद नहीं कर रही है. इसी बीच, मध्य प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने ने भी कहा कि प्रदेश में टमाटर पर किसानों को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अनाज की तरह साग-सब्जी एवं फलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करना चाहिए, ताकि उन्हें अपनी इस उपज का भी वाजिब दाम मिले.
मध्य प्रदेश आम आदमी पार्टी के संयोजक आलोक अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में किसानों की माली हालात बहुत खराब हो गयी है, क्योंकि राज्य सरकार उनके हितों की रक्षा करने में असफल रही है. अग्रवाल ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में किसानों की इतने बुरी दशा हो गयी है कि हर रोज प्रदेश में पांच किसान आत्महत्या कर रहे हैं. मध्यप्रदेश के कृषि, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा ने बताया कि मुझे किसानों द्वारा शुक्रवार को नरसिंहपुर में किये गये विरोध के बारे में पता नहीं है. इसलिए इस पर कुछ कहेंगे. मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन से इस पर प्रतिक्रिया के संपर्क किया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.
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