नयी दिल्ली : पूर्वी भारतीय राज्य बिहार में जहां नशामुक्त समाज के लिए पूरी तरह से शराबबंदी कानून लागू है, वहीं उत्तर भारत के राज्य आैर देश की राजधानी दिल्ली में शराब की दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. यहां की दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए दिल्ली सरकार के उत्पाद शुल्क विभाग ने अनिवार्य कर दिया है.
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देसी-विदेशी शराब के ठेकों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के पीछे सरकार का मकसद दुकानों के बाहर की तमाम तरह की गतिविधियों पर नजर रखना है. विभाग ने सभी लाइसेंसधारियों से एक घोषणा पत्र देने को कहा है कि उन्होंने अगले वित्त वर्ष के लिए लाइसेंसों के नवीकरण के लिए शराब की दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाये हैं.
विभाग के अनुसार, सीसीटीवी कैमरे का न्यूनतम कवरेज 50 मीटर और रिकाॅर्डिंग 30 दिनों की होनी चाहिए. एक अधिकारी ने बताया कि लाइसेंस के नवीकरण के लिए 50 मीटर की दूरी तक कवरेज करने वाले और 30 दिनों की आर्काइव रखने वाले सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य है. अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों के जरिये शराब की दुकानों के बाहर की गतिविधियों की निगरानी की जा सकती है.
नवंबर, 2016 में दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक रूप से शराब पीने के खिलाफ अभियान शुरू किया था. उसने कहा था कि खुले में खासतौर पर शराब की दुकानों के पास और वाहनों में शराब पीना न सिर्फ सुरक्षा के लिए खतरनाक है, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी बड़ी समस्या है. सरकार ने उप संभागीय मजिस्ट्रेटों (एसडीएम) को खुले में शराब पीने वालों में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की भी शक्ति दी थी.
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