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बोकारो में रैयती जमीन को वन भूमि बताकर DFO ने जब्त की थी गाड़ियां, PCCF की रिपोर्ट में निकला कुछ और

चास प्रखंड के भवानीडीह उर्फ फुदनीडीह मौजा, चास थाना अंतर्गत जिस रैयती जमीन (प्लॉट संख्या 43, 44, 45,46, 47, 58, 144, 145, 209, 210 आदि) को वन भूमि बताते हुए डीएफओ बोकारो ने कब्जा कर लिया था, वो जमीन वन विभाग की है ही नहीं.

कृष्णाकांत सिंह, बोकारो

Bokaro News: चास प्रखंड के भवानीडीह उर्फ फुदनीडीह मौजा, चास थाना अंतर्गत जिस रैयती जमीन (प्लॉट संख्या 43, 44, 45,46, 47, 58, 144, 145, 209, 210 आदि) को वन भूमि बताते हुए डीएफओ बोकारो ने कब्जा कर लिया था, वो जमीन वन विभाग की है ही नहीं. इसका खुलासा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) द्वारा वन विभाग के अपर मुख्य सचिव को 15 जून 2022 को लिखे गये पत्र व अन्य अधिकारियों के पत्र से होता है़

अधिकारी प्रतिवेदन को ही ठहरा रहे गलत

दूसरी ओर, डीएफओ अरुण कुमार सिंह वन सचिव, डीसी, पीसीसीएफ, आरसीसीएफ व सीएफ के प्रतिवेदन को ही गलत ठहराते हुए सभी को कठघर में खड़ा कर दिया है. श्री सिंह का कहना है कि आरसीसीएफ ने ही गलत तरीके से 70 एकड़ जमीन बेची थी. फुदनीडीह की जमीन नोटिफाइड है. उसका डि-नोटिफाइड नहीं हुआ है़ इसलिए आज भी वनभूमि है़ मालूम हो कि डीएफओ के निर्देश पर उक्त जमीन पर काम कर रही 22 गाड़ियों (हाइवा, पोकलेन, जेसीबी व ट्रैक्टर) को भी जब्त कर लिया गया था, जिसे जल्द से जल्द छोड़ने का आदेश अपर मुख्य सचिव (एसीएस सह रिवीजनल ऑथोरिटी) ने 28 जुलाई को दिया था.

डीएफओ ने आदेश की अनदेखी

इसके बावजूद डीएफओ ने आदेश की अनदेखी की. लिहाजा, एसीएस ने पत्रांक संख्या 2394 के माध्यम से 17 अगस्त 22 को लिखा है कि इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 की धारा 52 बी के आलोक में रिवीजनल ऑथोरिटी का आदेश अंतिम है. अत: इसका पालन करते हुए प्रतिवेदन विभाग को भेजें अन्यथा आपके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. आखिरकार एसीएस के कड़े तेवर को देखते हुए डीएफओ ने मंगलवार को 22 में से 16 गाड़ियों को छोड़ने का आदेश जारी कर दिया.

क्या है मामला

मामला यह है कि सहारा इंडिया परिवार ने टाउनशिप बनाने के उद्देश्य से फुदनीडीह मौजा की करीब 70 एकड़ जमीन 22 सेल डीड जरिये (2004 से आगे 10 वर्षों में) खरीदी थी. चूंकि यह रैयती जमीन है और रैयत इस पर खेती करते हैं और किराये का भुगतान करते हैं इसलिए म्यूटेशन करने का आदेश देते हुए एनओसी जारी करने की मांग की गयी, लेकिन मामला सुलझने की जगह उलझता चला गया. बोकारो डीएफओ द्वारा वरीय अधिकारियों को विलंब से और गलत जानकारी दिये जाने की वजह से मामला पेचिदा होते चला गया. इस बीच वाहन मालिक समय-समय पर डीएफओ को पत्र के माध्यम से गाड़ी छोड़ने की गुहार लगाते रहे, लेकिन डीएफओ ने न तो वाहन मालिकों की बात सुनी और न ही वरीय अधिकारियों के आदेश का पालन किया.

पूरा नहीं हो सका सहारा इंडिया का सपना

चूंकि सहार इंडिया परिवार का टाउनशिप बसाने का सपना पूरा नहीं हो सका, लिहाजा उसने देखभाल व काम करने के लिए राजद नेता अवधेश सिंह यादव को अपना प्रतिनिधि नियुक्त करते हुए जमीन उनके हवाले कर दी. श्री यादव जमीन की जांच परख करने के बाद वाहनों के जरिये काम करने लगे. करीब दस दिन बाद वन विभाग के आवेदन पर तत्कालीन चास एसडीएम शशि प्रकाश सिंह पुलिस फोर्स के साथ जमीन पर पहुंचे और वन भूमि पर काम करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार करते हुए 22 गाड़ियों को जब्त कर लिया.

अधिकारी अलग-अलग देते रहे तर्क

जानकारी के मुताबिक तत्कालीन चास वन क्षेत्र पदाधिकारी अजय कुमार ने कहा था कि वर्ष 2005-06 में भू माफियाओं ने उक्त जमीन को सहारा इंडिया को बेच दिया था और सहारा इंडिया की ओर से चास अंचल कार्यालय से जमाबंदी भी करा ली गयी थी. इस जमाबंदी के खिलाफ वर्ष 2015-16 में चास अंचल कार्यालय को अवैध जमाबंदी को रद्द करने को कहा गया है. वहीं, इस मामले में डीएफओ अरुण कुमार सिंह ने कहा था कि उक्त जमीन वन विभाग की अधिसूचित जमीन है और जमीन का नक्शा वन विभाग के पास है. जमीन को कभी मुक्त नहीं किया गया है. कुछ जमीन का एनओसी जरूर दिया गया था, लेकिन बाकी जमीन का एनओसी दिया गया है यह उन्हें जानकारी नहीं है. अब जबकि एसीएस, उपायुक्त बोकारो, पीसीसीएफ व आरसीसीएफ के पत्र से स्पष्ट हो चुका है कि जमीन वन विभाग की नहीं है ऐसे में देखना होगा कि डीएफओ क्या करते हैं.

कब-कब क्या हुआ

  • उपायुक्त ने 10.12.2021 को केस संख्या 61/2021-22 के माध्यम से डीएफओ के रिवीजन को डिसमिस कर दिया.

  • अपर मुख्य सचिव वन विभाग ने केस संख्या 8/2022 में डीएफओ के रिवीजन को डिसमिस करते हए कहा कि फुदनीडीह की जमीन वन भूमि नहीं है इसलिए वाहनों को तुरंत रिलीज करें.

  • अवधेश सिंह यादव द्वारा डीएफओ के खिलाफ की गयी शिकायत की जांच के बाद आरसीसीएफ ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा था कि फुदनीडीह की जमीन वन भूमि नहीं है.

  • वन संरक्षक बोकारो ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि फुदनीडीह की जमीन पर रैयतों का कब्जा है. यह जमीन वन विभाग की नहीं है.

डीएफओ को हटाने के लिए लिखा था पत्र

आरसीसीएफ बोकारो ने वर्तमान डीएफओ एके सिंह को हटाने के लिए 26.10.2021 को पत्रांक संख्या बी 252/1474 के माध्यम से पीसीसीएफ को पत्र लिखा था. पत्र में कहा था कि डीएफओ विभागीय काम में लापरवाही बरतते हैं. साथ ही इनका रवैया मनमाना है. इस कारण वन भूमि की सुरक्षा व अन्य कार्यों पर विपरीत प्रभाव पड. रहा है, जिससे विभाग की छवि खराब हो रही है. अत: इनके स्थान पर किसी योग्य व कर्मठ पदाधिकारी को नियुक्त किये जाने की आवश्यकता है.

डीएफओ को इन वाहन मालिकों ने भेजा रिमाइंडर

वाहन मालिक गाड़ी नंबर

अनिकल कुमार सिंह यूपी 64टी 0875

रंजीत कुमार रवानी क्यूआर19इ8512

मनोज कुमार यादव जेएच10बीजेड1822

इजहार अहमद जेएच09इ06322

अनुरोध रे बीआर01जीए9996

अजय कुमार जेएच10एइ8280

संजय कुमार सिंह बीआर10बीए2097

संजय कुमार सिंह जेएच10बीए8213

संजय कुमार सिंह जेएच10बीए1466

भारत भूषण जेएच09एएफ7951

अमरेश कुमार जेएच10डब्ल्यू7460

ऋषि राज भगत डब्ल्यूबी37सी5914

भैरव शर्मा जेएच10 बीएक्स 6749

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