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कृष्ण प्रताप सिंह

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सुखदेव को कालेपानी से बेहतर लगती थी शहादत

भगत सिंह व सुखदेव दोनों मानते थे कि हमारे शासकों, विशेषकर अंग्रेज जाति, की हमारे प्रति भावनाओं में कोई आश्चर्यजनक हितकारी परिवर्तन होना लगभग असंभव है

लोकसभा चुनाव में मजदूरों का मुद्दा

चुनाव का माहौल देखकर लगता ही नहीं कि अभी ज्यादा दिन नहीं हुए, जब केंद्र सरकार द्वारा ‘मजदूरों का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से’ संसद से पारित चार श्रम संहिताओं को लागू करने का मुद्दा गर्म था.

Lok Sabha Election 2024 : अमेठी में तो अभी एक ही सवाल, राहुल गांधी...

राहुल गांधी अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे या नहीं यह हर कोई जानना चाहता है. आज इस तरह की खबर भी आ रही है कि वे एक मई को अमेठी से नामांकन कर सकते हैं, लेकिन अधिकारिक जानकारी नहीं है.

स्वाधीन काव्यदृष्टि वाले कवि थे शलभ श्रीराम सिंह

निजी जीवन में ‘अराजक’ होने के बावजूद शलभ अपनी कविताओं की भाषा, छंद और कल्पनाओं को बेहद सधी हुई, सटीक व व्यवस्थित रखते थे.

Lok Sabha Election 2024 : जब एक सीट के लिए एक हजार प्रत्याशी खड़े...

Lok Sabha Election 2024 : देश में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो चली है. पार्टियां जनता को लुभाने का कोई प्रयास छोड़ना नहीं चाहती. इस बीच जानें पुराने दिनों के चुनाव की खास बातें

जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखी तिन्ह तैसी

गुलाब खंडेलवाल खुद को ‘मन कैसे सीताराम कहे’ जैसे प्रश्न के सामने खड़ा करते हैं, तो शायद निराला की इस परंपरा का ही विस्तार करते हैं.

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