पटना : 15 से 18 लाख रुपये खर्च करने पर राष्ट्रीयकृत बैंकों में पीओ के पद पर नियुक्ति की गारंटी. पीओ सहित अन्य बैंकिंग भरती परीक्षाओं में फरजीवाड़ा करनेवाले एक बड़े गिरोह को सीबीआइ ने पकड़ा है. सीबीआइ (बिहार-झारखंड) के डीआइजी वीके सिंह ने बताया कि अभ्यर्थियों के बदले स्कॉलरों को बैठा कर पास कराने की गारंटी देनेवाले एक बड़े गिरोह को पकड़ा गया है. गिरोह पटना व आसपास के इलाके में सक्रिय था.
इस गिरोह का सरगना एकगंरसराय के पास तेलहारा का संजीव कुमार वर्मा (पिता-रामेश्वर प्रसाद मौर्य ) है. वह चपरासी के पद पर नियुक्त है. गिरोह के विरुद्ध सूचना एकत्र करने के बाद कांड संख्या-19/2013 दर्ज किया गया है. इसमें संजीव वर्मा, उसकी पत्नी आलिशा, राजेश कुमार ( तेलहारा) व किसलय (मुरारपुर) के खिलाफ धोखाधड़ी और फरजीवाड़ा का मामला दर्ज किया गया है. सीबीआइ द्वारा प्रारंभिक साक्ष्य एकत्र किये जाने के बाद एक साथ ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, बिहारशरीफ, एंकगरसराय व पटना में छापेमारी की गयी. इन स्थानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं.
* कुम्हरार में किराये के मकान में रहता था : संजीव वर्मा कुम्हरार के निकट संदलपुर में किराये के मकान में रहता था. छापेमारी के बाद सीबीआइ ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किये हैं. शनिवार व रविवार को रीजनल रूरल बैंक में ऑफिसर ग्रुप एक की परीक्षा थी. ग्रेटर नोएडा के आइआइएमटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट में भी इसका केंद्र था. परीक्षा ऑनलाइन थी. वहां से तेलहारा के राजेश के बदले परीक्षा देते हुए एक युवक को गिरफ्तार किया गया, जो खुद भी पीओ है. साथ ही उसी सेंटर के पास दूसरी पाली में उसे किसलय के बदले परीक्षा देनी थी.
* गिरफ्तार बैंक पीओ सीबीआइ रिमांड पर
बैंकिंग परीक्षा में फरजीवाड़े के आरोप में ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार बैंक पीओ रोशन कुमार को सीबीआइ ने एक हफ्ते के लिए रिमांड पर लिया है. मंगलवार को उसे विशेष अदालत में पेश किया गया था. इसके पहले गाजियाबाद कोर्ट ने रोशन कुमार को तीन दिनों के लिए ट्रांजिट रिमांड पर पटना लाने की अनुमति दी थी. मगध एक्सप्रेस में आग लगने से उसे लाने में देरी हुई. उसे चौसा से सड़क मार्ग से रात करीब आठ बजे पटना लाया गया. अभियुक्त को रिमांड पर लेने के बाद सीबीआइ उससे पूछताछ करेगी.
ब्लॉक एजुकेशन रिसोर्स सेंटर, एकगंरसराय में चपरासी के पद पर संविदा पर नियुक्त संजीव वर्मा ने पत्नी अलिशा को यूको बैंक में पीओ के पद पर नियुक्ति दिलायी थी. वह बिहारशरीफ स्थित ब्रांच में पोस्टेड थी. सीबीआइ ने आलीशा को गिरफ्तार कर बेऊर जेल भेज दिया है.
* रेट 15 से 18 लाख रुपये
सीबीआइ के डीआइजी ने बताया कि फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड संजीव असली उम्मीदवार व स्कॉलर के फोटो को आपस में इस प्रकार मिलाता था कि परीक्षा के दौरान शक न हो. उस फर्जी उम्मीदवार को फर्जी पहचानपत्र, वोटर आइडी आदि बनवा कर उपलब्ध कराया जाता था, जिससे परीक्षा के दौरान बचा जा सके. गैंग की भाषा में फर्जी उम्मीदवार को स्कॉलर कहा जाता था. गिरोह हर उम्मीदवार से 15 से 18 लाख रुपये लेता था. कुछ पैसे एडवांस में लिये जाते थे. रिजल्ट आने पर पूरा पैसा लिया जाता था. इसके बाद ही मूल प्रमाणपत्र लौटाये जाते थे. स्कॉलर को हवाई जहाज के जरिये एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता था.
* मगध एक्स में घटना से पटना पहुंचने में हुई देर
* एक हफ्ते तक सीबीआइ करेगी रौशन से पूछताछ