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अब तक अतिपिछड़ी जाति के 15 नेता ही बने सांसद

1967 में लखन लाल कपूर ने किशनगंज से जीता था चुनाव, कर्पूरी ठाकुर समस्तीपुर से सांसद रहे पटना : राज्य में अत्यंत पिछड़ी जातियों की आबादी भले ही सबसे अधिक हो, पर अब तक हुए लोकसभा चुनावों में 15 लोगों को ही हिस्सेदारी मिल पायी है. 1952 में हुए पहले आम चुनाव से 2014 तक […]

1967 में लखन लाल कपूर ने किशनगंज से जीता था चुनाव, कर्पूरी ठाकुर समस्तीपुर से सांसद रहे
पटना : राज्य में अत्यंत पिछड़ी जातियों की आबादी भले ही सबसे अधिक हो, पर अब तक हुए लोकसभा चुनावों में 15 लोगों को ही हिस्सेदारी मिल पायी है.
1952 में हुए पहले आम चुनाव से 2014 तक के चुनाव में अतिपिछड़ा समाज के 15 सांसदों ने 10 लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया है. इसमें कुछ नेताओं को कई बार लोकसभा पहुंचने का अवसर मिला. 1967 में चौथे लोकसभा चुनाव में अतिपिछड़ी जाति से आने वाले नेता लखन लाल कपूर ने किशनगंज लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के मो ताहिर को शिकस्त दी थी.
1977 में आपातकाल के दौरान हुए छठे लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर से जनता पार्टी के कर्पूरी ठाकुर ने यमुना प्रसाद मंडल को हरा कर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री भी बने. उस साल झंझारपुर से धनिक लाल मंडल व पूर्णिया से लखन लाल कपूर ने जीत हासिल की थी.
10 लोकसभा क्षेत्रों का किया प्रतिनिधित्व
अतिपिछड़ा नेता 10 लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. नेताओं ने किशनगंज, समस्तीपुर, झंझारपुर, पूर्णिया, आरा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, भागलपुर, सुपौल व अररिया का प्रतिनिधित्व किया है. 1980 में झंझारपुर से धनिक लाल मंडल ने कांग्रेस नेता डॉ जगन्नाथ मिश्रा को हराया था. 1984 में अतिपिछड़ा नेता को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला.
कांग्रेस के गौरी शंकर राजहंस से धनिक लाल मंडल हार गये थे. 1989 में आरा से आइपीएफ उम्मीदवार रामेश्वर प्रसाद, 1996 में मुजफ्फरपुर से कैप्टेन जय नारायण निषाद व मुंगेर से ब्रह्मानंद मंडल सफल रहे. 1998 में मुजफ्फरपुर से कैप्टेन जय नारायण निषाद व पूर्णिया से जयकृष्ण मंडल ने बाजी मारी. 1999 में तीन नेता लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे.
मुंगेर से ब्रह्मानंद मंडल, मुजफ्फरपुर से कैप्टेन जय नारायण निषाद व भागलपुर से सुबोध राय ने प्रतिनिधित्व किया. 2009 में चार लोकसभा क्षेत्राें झंझारपुर से मंगनी लाल मंडल, सुपौल से विश्वमोहन कुमार, मुजफ्फरपुर से कैप्टेन जय नारायण निषाद व अररिया से प्रदीप कुमार सिंह अपना परचम लहराया था. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता झंझारपुर से वीरेंद्र कुमार चौधरी व मुजफ्फरपुर से अजय निषाद व भागलपुर से राजद के बुलो मंडल कामयाब रहे थे.
आबादी के अनुसार पार्टियों ने नहीं दिया टिकट
अतिपिछड़ों की आबादी का बड़ा हिस्सा होने के बाद भी चुनाव में टिकट नहीं मिलने की आवाज उठती रही है. इस वजह से बड़ी आबादी को प्रतिनिधित्व नहीं करने का मौका अतिपिछड़ा नेताओं को नहीं मिला है.
अतिपिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष उदय कांत चौधरी ने बताया कि आबादी का बड़ा हिस्सा होने के बाद भी नेताओं को टिकट नहीं मिलता है. उदय कांत चौधरी कहते हैं कि इस साल लोकसभा चुनाव में अतिपिछड़ा नेताओं को पहले की अपेक्षा अधिक टिकट मिला है. इसमें जदयू ने पांच, भाजपा ने दो व राजद ने चार अतिपिछड़ा नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है.

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