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उत्‍तर प्रदेश : अंतिम चरण की 13 सीटों पर कई दिग्गज, इन पर रहेगी देशभर की नजर, जानें कितनी सीटें किनके पास

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण यानी सातवें चरण में पीएम मोदी, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, स्वास्थ्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के विकासवाद की परीक्षा होनी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट से मैदान में हैं. इनके अलावा मनोज सिन्हा गाजीपुर से, अनुप्रिया पटेल […]

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण यानी सातवें चरण में पीएम मोदी, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, स्वास्थ्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के विकासवाद की परीक्षा होनी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट से मैदान में हैं. इनके अलावा मनोज सिन्हा गाजीपुर से, अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से और महेंद्र नाथ पांडेय चंदौली से उम्मीदवार हैं. ये तीनों सीटें वाराणसी से लगी हुई हैं.

नरेंद्र मोदी के बीते पांच सालों में वाराणसी में किये गये विकास कार्यो की परीक्षा भी होनी है. दावा है कि पीएम मोदी ने वाराणसी में 40 हजार करोड़ रुपये के काम कराये हैं. सबसे ज्यादा प्रचारित काम विश्वनाथ कॉरिडोर माना जा रहा है. हाल ही में उन्होंने रोड शो कर वाराणसी में अपनी ताकत का अहसास भी कराया था. विपक्ष की ओर से उनके खिलाफ कोई बड़ा प्रत्याशी का खड़ा नहीं होना उनकी मजबूती का आधार बन रहा है. कांग्रेस ने अजय राय को दोबारा प्रत्याशी बनाया है, जिनकी 2014 के चुनाव में जमानत जब्त हो गयी थी.

कितनी सीटें किनके पास
12 भाजपा
1 अपना दल
वाराणसी
चुनाव के सातवें चरण में देश के सबसे हाइ प्रोफाइल सीट वाराणसी पर भी मतदान होना है. इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. इनके खिलाफ सपा ने शालिनी यादव व कांग्रेस ने अजय राय को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने मोदी को कड़ी टक्कर देने की कोशिश की है. कांग्रेस ने यहां अलग से घोषणापत्र जारी किया है. ताकि पीएम मोदी को टक्कर दिया जा सके.
घोषित उम्मीदवार
नरेंद्र दामोदरदास मोदी, भाजपा
अजय राय, कांग्रेस
शालिनी यादव, सपा
2014 चुनाव परिणाम
नरेंद्र मोदी, भाजपा 581,022 (32%)
अरविंद केजरीवाल, आप 209,238 (11%)
अजय राय, कांग्रेस 75,614 (04%)
कुल मतदाता 1,766,487
महिला मतदाता 781,000
पुरुष मतदाता 985,395
गाजीपुर
गाजीपुर से रेल व संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा भाजपा से एक बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं. मनोज सिन्हा तीन बार सांसद और एक बार मंत्री रह चुके हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में लगभग दो लाख मुस्लिम मतदाता हैं. इसके बावजूद यहां सवर्ण मतदाताओं की संख्या निर्णायक मानी जाती है. ओबीसी, एससी और अल्पसंख्यकों की भी ठीक-ठाक संख्या है.
घोषित उम्मीदवार
मनोज सिन्हा, भाजपा
अजीत कुशवाहा, कांग्रेस
अफजल अंसारी, बसपा
2014 चुनाव परिणाम
मनोज सिन्हा, भाजपा 306,929 (17%)
शिवकन्या कुशवाहा, सपा 274,477 (15%)
कैलाश नाथ यादव, बसपा 241,645(13%)
कुल मतदाता 1,801,519
महिला मतदाता 818,105
पुरुष मतदाता 983,352
चंदौली
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने 2014 के चुनाव में वाराणसी से लगी सीट चंदौली पर पार्टी का 15 सालों का सूखा समाप्त किया था. इसके बाद से ही वह मोदी-शाह की नजर में थे. चंदौली पहले भी भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है. यहां से 1991, 1996 और 1999 के आम चुनावों भाजपा के आनंद रत्न मौर्या ने लगातार तीन जीत दर्ज की थी.
घोषित उम्मीदवार
महेंद्र नाथ पांडे, भाजपा
शिवकन्या कुशवाहा, आरजेएपी
संजय सिंह चौहान, सपा
2014 चुनाव परिणाम
महेंद्र नाथ पाण्डेय, भाजपा 414,135 (25%)
अनिल कुमार मोर्या, बसपा 257,379 (16%)
रामकिशुन , सपा 204,145 (12%)
कुल मतदाता 1,593,133
महिला मतदाता 705,123
पुरुष मतदाता 887,892
मिर्जापुर
अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर से 2014 में मोदी लहर होने के कारण भारी मतों से जीत हासिल की थी. 2016 में अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में जगह दी गयी. उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया. उनके मंत्री हो जाने की वजह से इस सीट का महत्व इस बार और ज्यादा बढ़ गया है.
घोषित उम्मीदवार
अनुप्रिया पटेल, एनडीएएल
ललितेश पति त्रिपाठी, कांग्रेस
रामचरित्र निषाद, सपा
2014 चुनाव परिणाम
अनुप्रिया पटेल, एनडीएएल 436,536 (25%)
समुंद्र बिंद, बसपा 217,457 (12%)
ललितेश त्रिपाठी, कांग्रेस 152,666 (08%)
कुल मतदाता 1,720,661
महिला मतदाता 782,028
पुरुष मतदाता 938,504
इन 13 सीटों में से छह पर हैं दलबदलू नेता
देवरिया : देवरिया सीट पर कांग्रेस से मैदान में उतरे नियाज अहमद गठबंधन के सामने बड़ी मुसीबत बने हुए हैं. नियाज पिछले लोकसभा चुनाव में इसी सीट से बसपा के उम्मीदवार थे. पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया, तो कांग्रेस में चले गये
घोसी
इस सीट पर कांग्रेस से उतरे बालकृष्ण चौहान गठबंधन के लिए सिरदर्द बन हुए हैं. बालकृष्ण ने पिछला लोकसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था. इस बार पार्टी ने अतुल राय को प्रत्याशी बनाया है. तो चौहान ने बगावत कर कांग्रेस का दामन थामा.
रार्बट्सगंज
अपना दल से पकौड़ी लाल चुनावी मैदान में उतरे हैं. पकौड़ी लाल ने 2014 में इसी सीट से सपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं सके थे. इस बार अनुप्रिया पटेल ने उन्हें अपने खेमे में मिलाया और टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया है.
चंदौली
यहां गठबंधन का खेल कांग्रेस उम्मीदवार शिवकन्या कुशवाहा बिगाड़ती नजर आ रही हैं. शिवकन्या 2014 में गाजीपुर लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार थीं, लेकिन मनोज सिन्हा से जीत नहीं सकी थीं. वह बसपा नेता रहे बाबू कुशवाहा की पत्नी हैं.
वाराणसी
वाराणसी लोकसभा सीट पर नरेंद्र मोदी के खिलाफ सपा ने शालिनी यादव को प्रत्याशी बनाया है. शालिनी कांग्रेस छोड़ सपा में शामिल हुई हैं, इससे पहले 2017 में उन्होंने कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर मेयर का चुनाव लड़ा था.उन्हें एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे
गोरखपुर
गोरखपुर सीट पर भाजपा से उतरे रवि किशन ने 2014 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर संसदीय सीट से लड़ा था. उन्हें केवल चार फीसदी वोट मिले थे. 2014 में जौनपुर से भाजपा उम्मीदवार कृष्ण प्रताप ने बाजी मारी थी.

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