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फांसी की सजा उम्रकैद में बदली

रांची : हाइकोर्ट में सोमवार को दोहरे हत्याकांड में सजायाफ्ता की अोर से दायर क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता व जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सजायाफ्ता (अपीलकर्ता) मनिया उरांव की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया. प्रार्थी की ओर से […]

रांची : हाइकोर्ट में सोमवार को दोहरे हत्याकांड में सजायाफ्ता की अोर से दायर क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता व जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सजायाफ्ता (अपीलकर्ता) मनिया उरांव की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया.

प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने बताया कि अनुसंधानकर्ता ने मामले की सही तरीके से जांच नहीं की थी. जिस टांगी से मार कर दो लोगों की हत्या की बात कही गयी थी, उसे निचली अदालत में प्रस्तुत ही नहीं किया गया. इतना ही नहीं घटनास्थल से खून लगी मिट्टी, जले कपड़े व धान को भी सेशन कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया गया. उल्लेखनीय है कि गुमला के तत्कालीन जिला व सत्र न्यायाधीश-नंबर दो ने 14 जून 2016 को मनिया उरांव को दोषी ठहराया था.

25 जून को अदालत ने मनिया उरांव को फांसी की सजा सुनायी थी. 30 जनवरी 2008 को गुमला के विशुनपुर के चेड़ा गांव में आरोपी मनिया उरांव के घर शराब पीने की नियत से रात लगभग नाै बजे रमेश उरांव व बिरसायी उरांव पहुंचे. रात में बिरसायी उरांव की पत्नी उसे घर ले जाने आयी थी, लेकिन उसने कहा कि रात में मनिया के घर रुकेगा. सुबह आयेगा. इसी बीच आपसी झगड़े में मनिया ने टांगी से मार कर बिरसायी व रमेश की हत्या कर दी.

इसके बाद शव को पुराने कपड़े व धान से जला दिया. गांववालों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घर खुलवाया तो दो अधजले शव बरामद किया गया. घरवालों ने शवों की पहचान की. इसके बाद मनिया उरांव को गिरफ्तार कर लिया गया. और 31 जनवरी 2008 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

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