कोलकाता : पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है, राजनीतिक दलों के नेताओं एवं उनके कार्यकर्ताओं के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. यहां तक कि एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल होने वाले नेता को जान से मारने की धमकी तक दी जाने लगी है. सार्वजनिक रूप से. दीवाल पर लिखकर.
जी हां. पश्चिम बंगाल के नदिया जिला में ऐसा एक मामला सामने आया है. तृणमूल कांग्रेस से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने वाले विधायक को जान से मारने की धमकी दी गयी है. शांतिपुर के तृणमूल विधायक अरिंदम भट्टाचार्य को जान से मारने की धमकी दी गयी है.
शांतिपुर के बागदेवीपुर और करमचापुर इलाके में अरिंदम भट्टाचार्य के खिलाफ दीवाल लेखन करके उनको जान से मारने की धमकी दी गयी है. कई जगहों पर दीवाल पर ऐसी धमकी लिखी गयी है. कहा गया है कि विधायक ने यदि 7 दिन के अंदर क्षेत्र से पलायन नहीं किया, तो उनकी हत्या कर दी जायेगी.
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भाजपा में शामिल हो चुके विधायक अरिंदम ने दीवारों पर लिखकर उन्हें जान से मारने की धमकी देने का आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगाया है. हालांकि, सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों से इनकार किया है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि विधानसभा चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर तृणमूल के नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं.
यह मुझे डराने की साजिश है. मैं हार नहीं मानूंगा और शांतिपुर से फिर से चुनाव लडूंगा. यह दिखाता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ गयी है.
अरिंदम भट्टाचार्य, विधायक, शांतिपुर
तृणमूल कांग्रेस छोड़ने वालों में कई मंत्री भी शामिल हैं. मंत्रियों पर अब तृणमूल कांग्रेस ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाये हैं. तृणमूल छोड़ने वाले कई नेताओं एवं विधायकों के खिलाफ दीवार लेखन हुआ है, उनके पोस्टरों पर कालिख पोती गयी है, लेकिन दीवाल पर लिखकर जान से मारने की धमकी देने का संभवत: बंगाल का यह पहला मामला है.
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पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बांग्ला भाषा में दो जगह दीवारों पर लिखकर धमकी दी गयी है. इन्हें सबसे पहले पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने देखा. धमकी में लिखा है, ‘अगले सात दिनों में शांतिपुर छोड़ दें वरना अपनी मौत के लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे.’ भाजपा में शामिल होने के बाद ‘वाई’ श्रेणी का सुरक्षा कवर प्राप्त करने वाले विधायक श्री भट्टाचार्य ने कहा कि ‘ऐसी धमकियां उनके लिए नयी नहीं’ हैं.
श्री भट्टाचार्य ने कहा, ‘मैंने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी है. मेरे लिए यह नया नहीं है. भाजपा में शामिल होने के बाद से मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है. मुझ पर हमला भी हुआ है. पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर कोई फायदा नहीं है. मैंने पार्टी में अपने वरिष्ठों को सूचित कर दिया है.’
तृणमूल कांग्रेस नेताओं पर उन्हें डराने के प्रयास का आरोप लगाते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा, ‘यह मुझे डराने की साजिश है. मैं हार नहीं मानूंगा और शांतिपुर से फिर से चुनाव लडूंगा. यह दिखाता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ गयी है.’ अरिंदम भट्टाचार्य सामान्य तौर पर शहर में रहते हैं और समय-समय पर विधानसभा क्षेत्र का दौरा करते रहते हैं. इस बीच स्थानीय पुलिस ने दीवारों पर लिखी धमकी पर पुताई कराकर उसे मिटा दिया है.
शांतिपुर थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. लेकिन, हमारे अधिकारियों ने दीवारों पर लिखी धमकियों को पुताई कराकर मिटा दिया है. मामले में कौन शामिल था, यह पता लगाने के लिए हम स्थानीय लोगों से बात कर रहे हैं.’ गौरतलब है कि वर्ष 2016 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले अरिंदम भट्टाचार्य एक साल के भीतर ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे. जनवरी, 2021 में भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने दावा किया कि वह सत्तारूढ़ दल के साथ रहते हुए स्वतंत्रता से काम नहीं कर पा रहे थे.
मैंने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी है. मेरे लिए यह नया नहीं है. भाजपा में शामिल होने के बाद से मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है. मुझ पर हमला भी हुआ है. पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर कोई फायदा नहीं है. मैंने पार्टी में अपने वरिष्ठों को सूचित कर दिया है.
अरिंदम भट्टाचार्य, विधायक, शांतिपुर
Posted By : Mithilesh Jha