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कोरोना के नाम पर निजी अस्पताल कर रहे मनमानी, जानें पटना DM ने किन चार अस्पतालों पर कसा शिकंजा

पटना के कई निजी अस्पताल आपदा को अवसर बनाने की फिराक में है. निजी अस्पतालों के खिलाफ डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह को कई शिकायतें मिली हैं. इनके बाबत डीएम के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम ने निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

पटना . पटना के कई निजी अस्पताल आपदा को अवसर बनाने की फिराक में है. निजी अस्पतालों के खिलाफ डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह को कई शिकायतें मिली हैं. इनके बाबत डीएम के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम ने निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

पटना के चार निजी अस्पतालों से इलाज के नाम पर निर्धारित सीमा से अधिक राशि लेने, रेमिडसिविर दवा की उपलब्धता में गड़बड़ी करने, कोविड अस्पताल में पंजीकृत नहीं होने के बावजूद संक्रमितों को भर्ती कर रुपये ऐंठने, रुपये लेकर एडमिशन करने और ऑक्सीजन सिलिंडर न होने का हवाला देकर मरीज को डिस्चार्ज करने आदि की शिकायतें मिली हैं.

इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन की टीम ने चारों अस्पतालों की जांच की और नोटिस दिया गया है. नोटिस का जवाब सही नहीं मिला, तो अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है.

डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी अस्पताल द्वारा मनमानी या गड़बड़ी करने की शिकायत मिलती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने लोगों से अपील की है कि जिनको इलाज या किसी प्रकार की समस्या या शिकायत है, तो वहां तैनात मजिस्ट्रेट को शिकायत कर सकते हैं.

ऑक्सीजोन हॉस्पिटल कंकड़बाग

इस हॉस्पिटल के खिलाफ में बाढ़ सकसोहरा निवासी कुमारी मंजू लता ने शिकायत की थी कि अस्पताल द्वारा इलाज के नाम पर अधिक राशि ली जा रही है. इस आरोप के बावत जिला प्रशासन की टीम ने जांच की तो यह पाया कि यह अस्पताल कोविड अस्पताल के रूप में पंजीकृत नहीं है.

राजेश्वर हॉस्पिटल कंकड़बाग

पटना की रहने वाली कनिका कौशिक ने रेमिडसिविर दवा की उपलब्धता को लेकर गड़बड़ी करने की जानकारी दी थी. जिला प्रशासन की टीम ने अस्पताल प्रशासन से पंजी की मांग की है, ताकि दवा की उपलब्धता के बारे में जानकारी मिल सके.

पालिका विनायक, कंकड़बाग

पटना निवासी रोहित कुमार श्रीवास्तव ने डीएम को बताया था कि अस्पताल इलाज के लिए निर्धारित सीमा से अधिक राशि ले रहा है. साथ ही जिला प्रशासन को दस्तावेज भी दिया है. इस अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दिया गया और जवाब मांगा गया है.

ओम पाटलिपुत्र इमरजेंसी हॉस्पिटल

एक व्यक्ति ने शिकायत की है कि यह कोविड अस्पताल के रूप में पंजीकृत नहीं है. इसके बावजूद कोविड मरीजों को एडमिट कर मोटी रकम जमा कर ली जा रही है. एडमिट करने के बाद ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं होने की जानकारी देकर मरीज को डिस्चार्ज किया जा रहा है. इसे भी नोटिस दिया गया है.

Posted by Ashish Jha

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