27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

तपकारा गोलीकांड को याद कर आज भी सिहर उठते हैं ग्रामीण, क्षेत्र के 3 दर्जन परिवार आज भी झेल रहे हैं दंश

jharkhand news: खूंटी के तपकारा गोलीकांड को हुए 21 साल बीत गये, लेकिन आज भी कई आंदोलनकारी इस गोलीकांश का दंश झेल रहे हैं. इस गोलीकांड में 8 आंदोलनकारी शहीद हुए, वहीं 3 दर्जन परिवार के आंदोलनकारी घायल हुए. इन आंदोलनकारियों के परिवार आज भी इसका दंश झेल रहे हैं.

Jharkhand news: खूंटी के तपकारा गोलीकांड को घटित हुई 21 वर्ष बीत गये, पर इस क्षेत्र के लोग आज भी उस दिन को याद कर सिहर उठते हैं. क्षेत्र के 3 दर्जन परिवार आज भी गोलीकांड का दंश झेल रहे हैं. 2 फरवरी, 2001 को गोलीकांड की इस घटना में 8 आंदोलनकारी शहीद हुए, जबकि 3 दर्जन परिवार के आंदोलनकारी घायल हुए थे. कई लोग तो गोली लगने से अपंग हो गये. परिवार के मुखिया के शहीद हो जाने तथा दिव्यांग हो जाने के कारण इनके परिवार की स्थिति दयनीय हो गयी है.

Undefined
तपकारा गोलीकांड को याद कर आज भी सिहर उठते हैं ग्रामीण, क्षेत्र के 3 दर्जन परिवार आज भी झेल रहे हैं दंश 2
गोली लगने से कई हुए दिव्यांग

गोंडरा गांव के सामुएल तोपनो के पैर में गोली लगी. गोली लगने से वे दिव्यांग हो गया. घर में 5 सदस्य हैं. खेती-बारी कर किसी तरह घर का गुजारा चल रहा है. इसी गांव के फ्रांसिस गुड़िया के बांह पर गोली लगी. एक हाथ से दिव्यांग हो गये. काम करने की स्थिति में नहीं रहे. किसी तरह घर का गुजारा चल रहा है. सबन भेंगरा के पैर में गोली लगने से दिव्यांग हो गये. बैशाखी के सहारे चलते हैं. घर के दूसरे सदस्य किसी तरह खेती-बारी कर घर चला रहे हैं. यही स्थिति गोलीकांड से प्रभावित अन्य परिवारों की भी है.

ये आंदोलनकारी हुए थे शहीद

2 फरवरी, 2001 को हुए तपकारा गोलीकांड की घटना में 8 आंदोलनकारी शहीद हुए थे. शहीद होनेवालों में बोदा पहान (चंपाबहा), लुकस गुड़िया (गोंडरा), सुंदर कंडुलना (बनई), जमाल खान (तपकारा), सूरसेन गुड़िया (डेरांग), सोमा जोसफ गुड़िया (गोंडरा), प्रभु सहाय कंडुलना (बेलसिया जराकेल) तथा समीर डहंगा (बंडा जयपुर) शहीद हुए.

Also Read: पेड़ काटने का मामला फिर पकड़ा तूल, खूंटी के टोडंकेल गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने डीसी को सौंपा ज्ञापन क्या था मामला

एक फरवरी को तपकारा ओपी तथा रनिया थाना की पुलिस उग्रवादियों की सूचना पर छापामारी के लिए लोहाजिमि गांव की ओर गये थे. कोयल कारो जनसंगठन द्वारा कोयल कारो पनबिजली बिजली परियोजना के विरोध में लगाये गये जनता कर्फ्यू के सिलसिले डेरांग गांव के पास बैरिकेटिंग लगाई गई थी. वापस लौटने के क्रम में पुलिसकर्मियों ने डेरांग गांव के पास लगे बैरिकेटिंग को हटा दिया.

तपकारा ओपी का घेराव के बाद हुआ गोलीकांड

आरोप है कि बैरिकेटिंग हटाने का विरोध करने पर पुलिसकर्मियों ने एक भूतपूर्व सैनिक अमृत गुड़िया की पिटाई भी कर दी थी. हालांकि, पुलिस मारपीट किये जाने की घटना से इनकार करती रही. इस घटना के विरोध में दो फरवरी को आसपास के गांव के सैकड़ों लोग तपकारा ओपी का घेराव कर दिया. इसी घेराव के दौरान गोलीकांड की घटना घटी.

रिपोर्ट : सतीश शर्मा, तोरपा, खूंटी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें