किशनगंज .स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में सोमवार को वर्मी कंपोस्ट उत्पादन तकनीकी व विपणन किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण में कोचाधामन प्रखंड के 40 किसानों ने पंजीकरण कराया. प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डा राजीव सिंह ने किया. उन्होंने कहा कि वर्मी कंपोस्ट उत्पादन से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा एवं उत्पादित उत्पाद गुणवत्ता युक्त एवं स्वास्थ्यवर्धक होता है. इससे मृदा एवं पर्यावरण प्रदूषण से भी राहत मिलती है. आजकल असंतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने से पौधों में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं. इसके नियंत्रण के लिए अनेक कीटनाशक का प्रयोग असंतुलित मात्रा में होता है, जो मानव के साथ-साथ अन्य जीवों पर सीधे प्रभाव डालता है. इसके दुष्परिणाम से मिट्टी, पानी एवं वायु सभी प्रदूषित हो जाते हैं. कृषि प्रसार वैज्ञानिक डा अलीमुल इस्लाम ने कहा हमें जैविक एवं प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ने की जरूरत है. वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन एक जन कल्याणकारी कार्य साबित होगा और इसे बढ़ाने के लिए हमें सार्थक प्रयास करना चाहिए. इस मुहिम में जीविका दीदियों का अहम रोल है, क्योंकि गांव में वह स्वयं वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन कर ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर सकती हैं. अंत में श्रीमती रमण भारती ने पोषण वाटिका में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग तथा पोषण वाटिका के उत्पादों का स्वास्थ्य लाभ, संतुलित आहार एवं मशरूम से बनने वाले उत्पादों की विस्तार रूप से चर्चा की.
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