खगड़िया. ट्रेन से देश दुनिया का सफर करने का सपना फरकिया के लोगों का आज भी अधूरा है. खगड़िया-अलौली के बीच सवारी गाड़ी का परिचालन खगड़िया-अलौली स्टेशन के बीच सवारी गाड़ी परिचालन की सारी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद सीआरएस ( मुख्य संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण) का कार्यक्रम आधे दर्जन से अधिक बार टाला जा चुका है.
खगड़िया-अलौली 19 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण कार्य हो चुका है पूरा
खगड़िया-अलौली स्टेशन के बीच बिशनपुर एवं कामा थान दो स्टेशन है. बिशनपुर एवं अलौली स्टेशन पर प्लेटफॉर्म भवन का रंग रोगन समेत प्लेटफार्म का निर्माण कार्य भी महीनों पूर्व पूरा हो चुका है. अलौली स्टेशन यार्ड लगभग एक किलोमीटर में ट्रेन परिचालन के लिए चार रेल लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है. बताया जाता है कि प्लेटफार्म संख्या एक एवं दो के बीच स्थित दो रेल लाइन को अप एवं डाउन रेलगाड़ी परिचालन के लिए बनाया गया है. जबकि तीसरी लाइन का उपयोग ट्रेन को सेटिंग करने के लिए किया जाएगा. अलौली स्टेशन पर स्थित रैक प्वाइंट पर रैक लगाने के लिए चौथी रेल लाइन का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है. बिशनपुर स्टेशन के भवन का रंग रोगन एवं प्लेटफार्म का निर्माण का कार्य भी महीनों पूर्व हो चुका है. बताया जाता है कि वर्ष 2022 में खगड़िया-अलौली के बीच स्टेशन यार्ड में दो रेल लाइन का निर्माण कार्य हुआ था. ट्रेन के परिचालन में विलंब होता देख स्टेशन यार्ड में तीसरी रेल लाइन का निर्माण कार्य भी पूरा कर दिया गया है. समस्तीपुर मंडल के तत्कालीन एडीआरएम जितेंद्र कुमार सिंह एवं तत्कालीन चीफ इंजीनियर अखिलेश कुमार सिंह के नेतृत्व में खगड़िया-अलौली स्टेशन के बीच सफलतापूर्वक स्पीडी ट्रायल कराया गया था. चीफ इंजीनियर ने उसी दिन 70 किलोमीटर प्रति घंटा ट्रेन परिचालन की हरी झंडी भी दी थी. इस तरह खगड़िया अलौली स्टेशन के बीच स्पीडी ट्रायल कराए दो वर्ष का समय व्यतीत हो चुका है.अलौली स्टेशन रैक प्वाइंट से ग्यारह माह पूर्व हुआ था मक्का का लादान
अलौली स्टेशन रैक प्वाइंट से मक्का लदान को लेकर 29 अप्रैल 23 को पहला रैक अलौली स्टेशन पर पहुंचा था. उसके बाद अलौली स्टेशन स्थित रैक प्वाइंट से चार रैंक मक्का देश के विभिन्न जगहों के लिए लदान हुआ था. जिससे समस्तीपुर रेल मंडल को तीन करोड़ रुपये से अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई थी. अलौली स्टेशन से मालगाड़ी का परिचालन हुए भी नौ माह से अधिक समय हो चुका है. समस्तीपुर मंडल के उच्च अधिकारी सीआरएस कराने का आधे दर्जन बाद समय दे चुके हैं. डेड लाइन-मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पीके गोयल ने डेड वर्ष पूर्व( 30 अगस्त 22 ) खगड़िया से अलौली स्टेशन के बीच रेल लाइन का निरीक्षण किया था. जिसमें उन्होंने अधिकारियों को सितंबर 22 तक सीआरएस करने का निर्देश दिया था. मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने खगड़िया-अलौली स्टेशन के बीच जनवरी 23 तक सवारी गाड़ी का परिचालन को लेकर अधिकारियों को डेड लाइन दिया था. मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के निरीक्षण के बाद हर तीसरे माह वरीय अधिकारी अपने निरीक्षण के क्रम में संबंधित अधिकारियों को सीआरएस कराने का निर्देश देते हैं. इस तरह सीआरएस कराने के निर्देश का अंतहीन सिलसिला चल रहा है.राजनीतिक व प्रशासनिक इच्छा शक्ति का है अभाव
रेल से जुड़े जानकार लोगों का कहना है कि राजनीतिक रूप से रेलवे के उच्च अधिकारियों के सामने सीआरएस कराने का मामला मजबूती से नहीं उठाया जाता है. लोगों का कहना है कि समस्तीपुर मंडल द्वारा खगड़िया-अलौली स्टेशन के बीच जब रैक का परिचालन कर तीन करोड़ रुपये राजस्व की उगाही कर ली गई तो सीआरएस नहीं करने का क्या औचित्य है.चोरी की लगातार हो रही घटना से करोड़ों का हो चुका है नुकसा
नखगड़िया-अलौली स्टेशन के बीच रेल परियोजना अधिकारियों के लिए कामधेनु बना हुआ है. जिसमें हर समय योजनाओं पर कार्य होता रहता है. खगड़िया-अलौली के बीच रेलवे द्वारा सुरक्षा का किसी तरह का इंतजाम नहीं किया गया है. जिसके चलते चोरों एवं स्माइकरों द्वारा रेलवे लाइन का फीस, प्लेट, नट बोल्ट चोरी करने की घटना आम हो गई है. इसके अलावा बीते दो वर्ष पूर्व अलौली एवं बिशनपुर स्टेशन से 79 रेल पटरी की ऐतिहासिक चोरी की घटना प्रकाश में आई थी. रेल पटरी की चोरी को लेकर अलौली एवं मुफ्फसिल थाना में प्राथमिक भी दर्ज कराई गई थी. जिसमें बिशनपुर स्टेशन से 60 रेल पटरी की चोरी का मामला कागजों में दफन होकर रह गया. समस्तीपुर मंडल के डिप्टी चीफ इंजीनियर मिंटू कुमार ने बताया कि खगड़िया-अलौली स्टेशन के बीच सवारी गाड़ी परिचालन को लेकर कार्य पूरा हो गया है. एक माह के अंदर सीआरएस का कार्य पूरा कराने की प्रक्रिया चल रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है