दीपक राव, भागलपुर
Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव व लगन का मौसम एकसाथ होने से दूल्हे राजा को दुल्हन के द्वार पहुंचने में एड़ी-चोटी की मशक्कत करनी पड़ रही है. चुनाव में गाड़ियों के अधिग्रहित कर लेने के कारण ट्रेवल एजेंसी को अधिकतर गाड़ियाें की बुकिंग कैंसिल करनी पड़ी.
80 लाख से अधिक कारोबार प्रभावित
दूल्हे के अभिभावकों की मानें तो चुनाव की तिथि को देखते हुए मतदान से तीन-चार दिन पहले ही बसें व वाहन अधिग्रहित की जायेंगी. ऐसे में शादी वाले घरों में सबसे बड़ी दिक्कत गाड़ियाें की है. बैंड-बाजा, बरात सब तैयार है, लेकिन दूल्हे राजा दुल्हन के द्वार तक कैसे पहुंचेंगे. बसों का अधिग्रहण होने के कारण कई ट्रेवल एजेंसी संचालकों ने बुकिंग निरस्त कर दी है. दुल्हन की विदाई के लिए छोटी गाड़ियां भी नहीं मिल पा रही हैं. ट्रेवल एजेंसी संचालक सुजीत सिंह ने बताया कि भागलपुरमें शत-प्रतिशत गाड़ियां चुनाव कार्य में ले ली गयी. भागलपुर में 1000 से अधिक लोग हैं, जो कि शादी-विवाह व अन्य आयोजन में गाड़ियों को बुकिंग पर देते हैं. भागलपुरशहर में केवल 100 से अधिक कारोबारी हैं, जो लग्जरी गाड़ियां किराये पर देते हैं. उनकी खुद की 25 गाड़ियों की बुकिंग रद्द करनी पड़ी.
केस स्टडी एक
ट्रेवल एजेंसी संचालक संजीव सिंह ने बताया कि उन्हें जनकपुर जाने के लिए अर्जेंट गाड़ी की मांग की गयी, लेकिन चुनाव में गाड़ी फंस जाने से हाथ खड़ा करना पड़ा. नेपाल से आये कलाकारों को जैसे-तैसे दरभंगा होकर अलग-अलग स्टॉपेज कर जनकपुर जाना पड़ा.
केस स्टडी दो
आलोक सिंह ने बताया कि उनके साले की शादी दोदिन पहले बांका में थी. बिना डीजे व गाजे-बाजे के सादगीपूर्ण करनी पड़ी. जहां 50 गाड़ियों की जरूरत थी, वहां 20 गाड़ियां रिश्तेदारों से मांगकर बरात को भेजना पड़ा. वहीं, मन्नी शर्मा ने बताया कि उनकी बेटी की शादी सबौर में थी, बरात में निरसता दिखी. कोई शौक पूरा नहीं हुआ.
ट्रांसपोर्टरों का 10 करोड़ का कारोबार प्रभावित
ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष मदन चौधरी ने बताया कि 30 फीसदी तक कारोबार प्रभावित होगा. गाड़ियों की आवाजाही पर असर पड़ेगा. भागलपुरके कारोबारियों का माल फंसेगा. ऐसे में अभी मारामारी की स्थिति बनी हुई है. प्रतिदिन भागलपुर में 200 से अधिक गाड़ियां देश के विभिन्न शहरों से आती हैं. सात दिनों में 10 करोड़ का कारोबार प्रभावितहोगा.
1000 मोटिया मजदूरों को छह दिनों तक नहीं मिलेगा कामए
क्टू के प्रदेश सचिव मुकेश मुक्त ने बताया कि स्वाभाविक है कि ट्रांसपोर्ट बंद होंगे, तो शहरी क्षेत्र के 1000 मोटिया मजदूरों को रोजगार मिलना बंद हो जायेगा. कम से कम छह दिनों तक उनके लिए दो जून की रोटी चुनौती बन जायेगी. चुनाव में उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था हो.