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Video: गयाजी में विदेशी श्रद्धालु भी कर रहे तर्पण और पिंडदान, जर्मनी, रूस और यूक्रेन से पहुंच रहे तीर्थयात्री

बुधवार को देवघाट पर जर्मनी की 11 महिलाओं व एक पुरुष सहित 12 श्रद्धालुओं ने भारतीय परिधान में अपने पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान किया.

गयाजी में आयोजित पितृपक्ष में बुधवार को भारतीय संस्कृति के प्रभाव की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली. फल्गु नदी के पश्चिमी तट पर स्थित देवघाट पर जर्मनी की 11 महिलाओं व एक पुरुष सहित 12 श्रद्धालुओं ने भारतीय परिधान में अपने पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड पुरोहित लोकनाथ गौड़ के निर्देशन में पूरा किया. इस्कॉन मंदिर के प्रचारक व पिंडदान का कर्मकांड करा रहे पुरोहित लोकनाथ गौड़ ने बताया कि यहां होनेवाले पिंडदान पर विदेशियों द्वारा रिसर्च भी किया जा रहा है. विदेशी मूल के शंभूनाथ इस विषय पर यहां रहकर रिसर्च भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिंडदान के लिए विदेश से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला अभी जारी है. 12 अक्तूबर को रूस व यूक्रेन के दो दर्जन श्रद्धालु पिंडदान का कर्मकांड करेंगे. ये सभी श्रद्धालु यहां आ चुके हैं व बोधगया के होटल में ठहरे हुए हैं.

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