37.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Manipur Violence: क्या हैं मणिपुर के ताजा हालात, जानें सेना प्रमुख के दौरे की असली वजह

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा की पृष्ठभूमि में जमीनी स्थिति की समीक्षा करने के लिए जनरल पांडे और लेफ्टिनेंट जनरल कालिता का दौरा हो रहा है.

मणिपुर में स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है. ताजा हिंसा की खबरों के बीच भारतीय सेना और असम राइफल्स ने पूरे राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी है. इधर थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे हिंसा प्रभावित इलाकों की स्थिति की समीक्षा के लिए दो दिवसीय मणिपुर दौरे पर हैं.

मणिपुर की जमीनी स्थिति की समीक्षा करेंगे सेना प्रमुख

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा की पृष्ठभूमि में जमीनी स्थिति की समीक्षा करने के लिए जनरल पांडे और लेफ्टिनेंट जनरल कालिता का दौरा हो रहा है.

राज्यपाल से मिले सेना प्रमुख

मणिपुर में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के साथ राज्यपाल अनुसुइया उइके से आज राजभवन में मुलाकात की और वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा पर विचार-विमर्श किया.

Also Read: हिंसाग्रस्त मणिपुर का जल्द ही दौरा करेंगे अमित शाह, शांति स्थापित करने के लिए होगी बातचीत

मणिपुर में सेना ने गांव की घेराबंदी की, हथियार बरामद किए

सेना ने अंधेरा छाने के साथ ही मणिपुर की राजधानी इंफाल से करीब 40 किलोमीटर दूर घने जंगल से घिरे न्यू किठेलमंबी गांव की धीरे-धीरे घेराबंदी शुरू की और लोगों के घरों पर छापे मारकर हथियार बरामद किए. सेना और असम राइफल्स के जवान शुक्रवार को इंफाल घाटी के किनारे कांगपोकपी जिले में स्थित गांव में घुसे और हथियारों की तलाश की. सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ दिन में हमने देखा कि समुदाय आग्नेयास्त्रों से एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं. कुछ मामलों में लोगों की हत्या की जा रही है…अचानक से हथियारों के आने से पूरी शांति प्रक्रिया में देरी हो रही है.

मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा

गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासी – नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हुई

मणिपुर में हुए इस जातीय संघर्ष में 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी और पूर्वोत्तर राज्य में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए लगभग 10,000 सैन्य और अर्ध-सैन्य कर्मियों को तैनात करना पड़ा था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें