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झारखंड के करीब 17 हजार स्कूलों में मैदान नहीं, पर हर दिन एक घंटा खेलने का आदेश जारी

झारखंड के सरकारी स्कूलों में संसाधन नहीं है. इसके बावजूद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से जारी आदेश से सभी परेशान हैं. जारी आदेश के तहत सभी कोटि के सरकारी स्कूलों में हर दिन अनिवार्य रूप से एक घंटा खेलकूद करवाया जाये जबकि राज्य के 16,954 स्कूलों में खेल के मैदान तक नहीं है.

जमशेदपुर, संदीप सावर्ण : झारखंड में 35,438 स्कूलों का संचालन किया जाता है. इसमें कुल 16,954 ऐसे स्कूल हैं, जहां खेल के मैदान नहीं हैं. राज्य में सिर्फ 648 शारीरिक शिक्षक हैं. पूर्वी सिंहभूम जिले के 12 स्कूलों में 12 शारीरिक शिक्षक हैं. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की रिपोर्ट में इसका पता चला है. अब विडंबना स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से जारी अधिसूचना को लेकर पैदा हुई है. इसमें कहा गया है कि सभी कोटि के सरकारी स्कूलों में हर दिन अनिवार्य रूप से एक घंटा खेलकूद करवाया जाये. गुमला, सिमडेगा जैसे जिलों में बच्चों को हॉकी का प्रशिक्षण दिया जाये. बाकी जिलों के स्कूलों में उन खेलों का चयन करने को कहा गया है, जो खेल ओलिंपिक, राष्ट्रमंडल और एशियन प्रतियोगिता की सूची में शामिल हैं. इस आदेश के बाद शिक्षकों के माथे पर बल पड़ गया है. बिना खेल मैदान और शिक्षक के इसका आयोजन कैसे किया जाये. विभाग ने इसके लिए शिक्षकों की कार्य अवधि में एक घंटा की बढ़ोतरी कर दी है.

क्या है स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का निर्देश

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश के मुताबिक, एक अप्रैल से 30 जून तक सुबह 6.45 बजे लंबी घंटी लगायी जायेगी. वहीं, प्रार्थना सभा सुबह सात बजे से 7.15 बजे तक होगी. वहीं, दोपहर एक बजे से दो बजे तक खेल गतिविधियां होंगी. जबकि पहले दोपहर एक बजे छुट्टी होती थी. वहीं, एक जुलाई से 31 मार्च तक सुबह 9 बजे से शाम चार बजे तक स्कूल के संचालन का निर्देश दिया गया है. अपराह्न तीन बजे से शाम चार बजे तक खेल गतिविधियां होंगी. इससे पूर्व तीन बजे छुट्टी हो जाती थी.

शिक्षक संघ ने लगाया वादाखिलाफी का आरोप

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव को एक पत्र लिखा है. इसमें बताया गया है कि पिछले दिनों विभागीय सचिव व मंत्री के साथ शिक्षक संघ की वार्ता हुई थी. इसमें सभी ने छह जनवरी, 2022 को जारी आदेश बाध्यता ( समर टाइम में स्कूल का संचालन सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक, जबकि अन्य दिनों में सुबह नौ बजे से दोपहर चार बजे तक) से शिक्षकों को मुक्त रखने पर सहमति जतायी गयी थी. 15 मार्च को विभागीय आदेश में फिर से उक्त आदेश को लागू कर दिया गया है.

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जमीनी स्तर पर लागू करने में आयेगी कई परेशानी

झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से जारी आदेश का अनुपालन बेहद चुनौतीपूर्ण है. स्कूलों में खेल के शिक्षक नहीं हैं. कई जगहों पर खेल के मैदान नहीं हैं. ऐसे में खेल प्रशिक्षण की अनिवार्यता को जमीनी स्तर पर लागू करने में व्यावहारिक कठिनाईयां हैं.

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