अहमदाबाद :पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच शिखर वार्ता खत्म होने के बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेस कॉंफ्रेंस की जिसमें उन्होंने लगभग दो घंटे तक चली वार्ता की जानकारी दी. इस अवसर पर 12 समझौत हुए जो दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं.
दोनों देशों के बीच पांच साल के आर्थिक प्लान पर समझौता हुआ. इसके अलावा ऑडियो विजुवल प्रोडक्शन, रेलवे विकास,संघाई मुंबई के बीच समझौता, कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नये रूटजैसे समझौते भी हुए.
प्रेस काफ्रेंस में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि चीन हमारा सबसे बड़ा पडोसी है. इसके लिए जरूरी है कि दोनों देशों में विश्वास बना रहे. उन्होंने कहा कि दो दिनों में हर मुद्दे पर बातचीत हुई. हम शिखर सम्मेलन का सिलसिला बनाये रखेंगे.व्यापार की गति कम हुई है. भारतीय कंपनियों को चीन में निवेश करने में सहयोग मिले.
मोदी ने कहा, हम दोनों विकासशील देश हैं.सीमा पर शांति रहे तो संबंध बढेंगे.सीमा क्षेत्र के संबंध में भी बात हुई है. मैंने उनके सामने चिंता प्रकट की है साथ ही सीमा विवाद जल्द निपटाने की अपील की है.सीमा से सटी नदियों पर चिंता प्रकट की गई है साथ ही चीन की वीजा नीति पर भी चिंता प्रकट की गई है. बातचीत में एलइसी की पहचान पर भी चर्चा हुई. मोदी ने कहा यह भारत और चीन के लिए ऐतिहासिक अवसर है.
वहीं जिनपिंग ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल चीन आने का न्यौता देते हुए कहा कि भारत की उपलब्धियों से खुशी हुई. हमें मोदी से विकास की उम्मीद है. उनके साथ सार्थक बातचीत हुई. दोनों देशों में विकास की अपार संभावना है. हम शांति के जरिये विकास करेंगे.उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति रहनी चाहिए. दोनों देश मिलकर सीमा विवाद सुलझायेंगे. दोनों देशों के बीच सीमा विवाद अब इतिहास की बात हो गई है.
इससे पहले सुबह करीब 9:15 बजे जिनपिंग राष्ट्रपति भवन पहुंचे जहां उनका स्वागत राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी ने किया. राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कैबिनेट के कई मंत्री मौजूद थे. जिनपिंग ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा अन्य मंत्रियों से भीमुलाकात की.इसके बाद जिनपिंग ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी.राजघाट पर तिब्बती छात्रों ने उनका विरोध किया. 10 बजे उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की. मोदी के साथ जिनपिंग की शिखर वार्ता शुरू हो गयी है.
इससे पहले जिनपिंग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चीन भारत से दोस्ती बढ़ाना चाहता हैं. हम भारत के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाएंगे. विकास की साझेदारी बढायेंगे. उन्होंने कहा कि 17 साल पहले मैं भारत आया था लेकिन बतौर राष्ट्रपति मेरा यह पहला दौरा है.गौरतलब है कि जिनपिंग का भारत में आज दूसरा दिन है.
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शांति और समृद्धि के लिए भारत के साथ रणनीतिक और सहयोगात्मक भागीदारी को आज नयी उंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद जतायी जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीनी नेता के समक्ष लद्दाख क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के मुद्दे को उठाया.
आज दोनों नेताओं के बीच शिखर बैठक से पूर्व आज सुबह यहां राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में उनके रस्मी स्वागत से हुई. जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच बनी गतिरोध की स्थिति की पृष्ठभूमि में शी और मोदी के बीच शिखर वार्ता हैदराबाद हाउस में समाप्त हो गयी है.
चीनी घुसपैठ के संबंध में किए गए सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, शिखर बैठकें नेताओं के लिए वह अवसर होती हैं जब वे द्विपक्षीय संबंधों से जुडे सभी ठोस मुद्दों को उठाते हैं. प्रधानमंत्री ने बीती रात, यात्रा पर आए विशेष मेहमान के साथ बैठक में यह मुद्दा उठाया.
चीनी राष्ट्रपति शी ने राष्ट्रपति भवन में रस्मी स्वागत के बाद संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में उम्मीद जतायी कि चीन और भारत अपनी रणनीतिक और सहयोगात्मक भागीदारी को नयी उंचाइयों पर ले जाएंगे. शी ने कहा कि वह तीन लक्ष्यों के साथ भारत आये हैं जिनका मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के बीच मजबूत आपसी समझ निर्मित करना है.
शी ने कहा कि दोनों देशों की जनता के लाभ के लिए दोनों देश साझा विकास पर एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर सकते हैं. उन्होंने कहा, इस यात्रा के जरिए, मुझे भारत और चीन के बीच मजबूत संबंधों के निर्माण के लिए, भारतीय नेतृत्व के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद है. साथ ही शांति और समृद्धि के लिए हमारी रणनीतिक तथा सहयोगात्मक भागीदारी को नई उंचाई पर ले जाने के लिए एक दूसरे के साथ काम करने की भी उम्मीद है. शिखर वार्ता से पूर्व, शी महात्मा गांधी की समाधि राजघाट गए और राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी शी से मुलाकात की.
* यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच की मैत्री को आगे बढाना: शी
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच की मैत्री को आगे बढाना है. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और मोदी के साथ शी ने संवाददाताओं से कहा, चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं जिनके बीच हजारों सालों से मैत्रीपूर्ण संवाद रहा है.
हम दोनों एक दूसरे की सभ्यता की सराहना और सम्मान करते हैं. यह महत्वपूर्ण है कि हम मैत्रीपूर्ण संबंधों को आगे बढाएं और यह सुनिश्चित करें कि हम एक दूसरे से किए गए वादों को निभाएंगे. शी ने कहा कि उनका दूसरा मकसद सहयोग को मजबूत बनाना है. उन्होंने कहा, चीन और भारत, दोनों उभरते बाजार हैं. यह महत्वपूर्ण है कि हम सहयोग बढाएं ताकि भारत और चीन की जनता को इससे लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि दोनों देशों को महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका तीसरा लक्ष्य विकास को एक साथ मिलकर आगे बढाना है क्योंकि विकास दोनों देशों की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने संबंधों को गहरा करें और एक करीबी विकासात्मक भागीदारी विकसित करें.
चीन और भारत को विश्व के दो सबसे बडे विकासशील देश और उभरते बाजार बताते हुए शी ने कहा, हम उभरते बहुध्रुवीय विश्व में भी दो महत्वपूर्ण ताकतें हैं. इसलिए हमारे संबंधों का रणनीतिक और वैश्विक महत्व है.
* राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने केंद्रीय कैबिनेट से परिचय कराया
सुबह जब राष्ट्रपति भवन में चीनी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी पहुंची तो उनका स्वागत खुद प्रणब मुखर्जी ने किया. इस दौरान चीनी राष्ट्रपति को सेना के जवानों ने सलामी दी. इसके बाद प्रणब मुखर्जी ने केंद्रीय कैबिनेट से चीनी राष्ट्रपति का परिचय कराया. इस दौरान सभी उनसे गर्मजोशी से मिले.
भारत-चीन के बीच हुए तीन करार
चीन के राष्ट्रपति शीजिनपिंग के भारत पहुंचने के बाद दोनों देशों के बीच आज शाम साढ़े चार बजे तीन समझौते हुए. अहमदाबाद के होटल हयात में चीन के ग्वांगडोंग प्रांत व गुजरात प्रांत के बीच समझौते हुए. यह समझौता व्यापार, पर्यावरण सुरक्षा, लोकनीति, शिक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य, विज्ञान प्रौद्योगिकी व तकनीक पर आधारित है.
दूसरा समझौता अहमदबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन व ग्वांगडोंग की राजधानी गंवागझाओ सिटी के बीच हुआ. यह समझौता ट्रेनिंग रिलेशन को लेकर हुआ. साथ ही इसमें भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण सुरक्षा, पर्यटन, विज्ञान प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दे भी शामिल हैं.
तीसरा समझौता चाइना डेवलपमेंट बैंक व गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ब्यूरो के बीच हुआ. यह समझौता इंडस्ट्रियल पार्क बनाने व व्यापार वाणिज्य बढ़ाने को लेकर हुआ. इन समझौतों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग मौजूद थे. चीन के राष्ट्रपति गुरुवार व शुक्रवार को दिल्ली में रहेंगे. उस दौरान चीन व भारत सरकार के बीच समझौते होंगे.