गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में आदिवासी समुदाय पर एनडीएफबी (एस) के आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले को ‘‘सर्वाधिक घृणित, सर्वाधिक कायरतापूर्ण और सर्वाधिक बर्बर’’ करार दिया और कहा कि सरकार उग्रवादी संगठन के साथ ‘बेहद सख्ती’ से निपटेगी.
गोगोई ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह उग्रवादियों का सफाया करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से सेना, अर्धसैनिक बलों और असम पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान शुरु करने का अनुरोध करेंगे. सिंह के आज शाम राज्य में पहुंचने का कार्यक्रम है.
उन्होंने बताया, ‘‘एनडीएफबी (एस) उग्रवादियों द्वारा निदरेष लोगों की हत्या किया जाना सर्वाधिक घृणित, सर्वाधिक कायरतापूर्ण और सर्वाधिक बर्बर है. हम इसकी जोरदार निंदा करते हैं. असम और केंद्र सरकार उग्रवादियों के आगे समर्पण नहीं करेगी.’’ मौजूदा स्थिति को ‘बेहद गंभीर’ बताते हुए गोगोई ने कहा, ‘‘इन (उग्रवादियों) ताकतों पर अवश्य रोक लगाई जानी चाहिए और इस तरह की हिंसा को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती. हम एनडीएफबी के साथ बेहद दृढता से निपटेंगे.’’
गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह ने उनसे बातचीत की थी और स्थिति से निपटने के लिए उन्हें सभी तरह की मदद का आश्वासन दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र अर्धसैनिक बलों की 55 अतिरिक्त कंपनियां भेज रहा है, जिसमें से 20 अगले दो दिनों में पहुंच रही है. मैंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से पहले ही बातचीत की है और उग्रवादी संगठन के खिलाफ अभियान शुरु करने के लिए उनसे अनुरोध किया है.’’उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री से अभियान शुरु करने के लिए सेना से बातचीत करने का अनुरोध किया गया.
असम में आज हिंसा बढ गई और एनडीएफबी (एस) आतंकवादियों द्वारा कल किए गए नरसंहार में मरने वालों की संख्या बढकर 65 हो गई. गुस्साए आदिवासियों ने प्रदर्शन के दौरान बोडो लोगों के घरों में आग लगा दी और एक थाने पर हमला किया. प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर पुलिस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई.
उग्रवादी असम में हिंसा को अंजाम देते हैं और भूटान, म्यामांर और बांग्लादेश के अलावा अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड भाग जाते हैं जिससे असम पुलिस के लिए उन्हें गिरफ्तार करना मुश्किल हो जाता है.