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पलटवार: विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान के बयान पर विधानसभा में मुख्यमंत्री ने दी प्रतिक्रिया,शिष्टाचार भूल गये विरोधी दल के नेता

कोलकाता : राज्य की विरोधी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि विरोधी पार्टी के नेता शिष्टाचार भूल गये हैं. विधानसभा का एक सम्मान है, इसकी एक परंपरा है, जिसे विरोधी पार्टी के नेता नहीं मान रहे हैं. यह बातें गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहीं. उन्होंने कहा […]

कोलकाता : राज्य की विरोधी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि विरोधी पार्टी के नेता शिष्टाचार भूल गये हैं. विधानसभा का एक सम्मान है, इसकी एक परंपरा है, जिसे विरोधी पार्टी के नेता नहीं मान रहे हैं. यह बातें गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहीं. उन्होंने कहा कि गणतंत्र में सभी को बोलने का अधिकार है, इसका मतलब यह नहीं कि इस अधिकार का आप दुरुपयोग करें. उन्होंने विरोधी पार्टी के नेताओं को अपनी सीमा में रहने की हिदायत देते हुए कहा कि लक्ष्मण रेखा पार नहीं करें तो आपके लिए बेहतर है.
विधानसभा में अब्दुल मन्नान ने मुख्यमंत्री के खिलाफ कटाक्ष किया. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने मेरे खिलाफ अभद्र बयान दिया है, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं भी आपकी पार्टी की नेता सोनिया गांधी के खिलाफ इस प्रकार की बात कहूंगी. यही शिष्टाचार है. उन्होंने अब्दुल मन्नान को कहा कि इस प्रकार से बदमाशी ना करें. लज्जाजनक बातें ना कहें, इन बातों से राजनीति की जा सकती है, लेकिन लोगों के दिल में जगह नहीं बनायी जा सकती.
आप लोग शिष्टाचार भूल गये हैं. कांग्रेस ने अपनी पार्टी को साइन बोर्ड में तब्दील कर दिया है. गंठबंधन के नाम पर पूरी पार्टी को ही खत्म कर दिया है.
वहीं, वाममोरचा विधायकों से उन्होंने कहा कि ज्योति बसु व बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कभी कोई खराब बात नहीं कही. अब विधानसभा की गरिमा को जानते थे. कांग्रेस के साथ गंठबंधन के संबंध में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ हमारी पार्टी ने भी गंठबंधन किया था, यह प्राकृतिक था. मुलायम-मायावती के साथ भी वह गंठबंधन कर सकती हैं, यहां तक कि उन्होंने एनडीए के साथ भी गंठबंधन किया था, लेकिन माकपा के साथ वह कभी समझौता या गंठबंधन नहीं कर सकती. भाजपा के साथ तृणमूल कांग्रेस की नैतिकता की लड़ाई चल रही है, जो आगे भी चलेगी. माकपा के साथ तृणमूल कांग्रेस की लड़ाई जारी रहेगी. हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वाममोरचा के सभी घटक दल खराब नहीं हैं.
विरोधी पार्टियों को उन्होंने कहा कि बंगाल काफी पिछड़ गया है. इसलिए हम लोगों को एक साथ मिल कर इसके विकास के बारे में सोचना चाहिए. किस प्रकार से कार्य किया जाये, हमें इसका सुझाव दें. यदि आज काम नहीं करेंगे तो फिर कब करेंगे. उन्होंने सभी विरोधी पार्टियों से राज्य सरकार को सहयोग करने की अपील की, ताकि राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर किया जा सके.
12 लाख लोगों को रोजगार देगी राज्य सरकार : सीएम
तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों में किये गये कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में राज्य सरकार ने 68 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किये हैं और आनेवाले कुछ वर्षों में और 12 लाख लोगों को नौकरी दी जायेगी. इसके साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में काफी कमी आयी है. वर्ष 2011 में बंगाल में 2063 महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म की घटनाएं हुई थी, जो अब कम होकर 1,199 हो गयी हैं.
सभी राज्य ऋण के जाल फंसते जा रहे हैं
कर्ज के जाल को ‘मौत का जाल’ बताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर राज्यों के बीच चर्चा किये जाने की गुरुवार को वकालत की. ममता ने कहा कि तीन राज्य- केरल, पश्चिम बंगाल और पंजाब पहले से ही ऋण के जाल में फंसे हैं. ये ऋण के जाल नहीं, बल्कि मौत के जाल हैं. यह संघीय ढांचे के लिए बहुत विनाशकारी है.

उन्होंने विधानसभा को बताया कि ऋण का ब्याज हर साल बढ़ रहा है और पिछले पांच सालों में राज्य सरकार ने 1,13,000 करोड़ का ऋण लिया था जिसमें से 94,000 करोड़ ऋण के पुनर्भुगतान में खर्च किया गया.उन्होंने कहा कि मुझे विकास की परियोजनाओं के लिए धन कहां से मिलेगा, यह एक गंभीर समस्या है. उन्होंने कहा कि सभी राज्य धीरे-धीरे ऋण के जाल की तरफ बढ़ रहे हैं. ममता ने विधानसभा अध्यक्ष से इस मुद्दे पर बातचीत के लिए सभी राज्यों के बीच एक परिचर्चा आयोजित करने का अनुरोध किया. ममता ने आईसीडीएस, सर्वशिक्षा अभियान और जंगलमहल इलाकों के विकास के लिए बजट घटाने पर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि नकदी की किल्लत के बावजूद राज्य विकास की कई योजनाएं चला रहा है जैसे कन्याश्री, सबूज साथी आदि.

एफडीआइ से भारतीय ब्रांडों को नुकसान पहुंचेगा : ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दोहराया कि उनकी सरकार दवा व कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) का विरोध करती रहेगी, क्योंकि इससे भारतीय ब्रांडों को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि वह लोगों को रोजगार दिये जाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इससे हमारे भारतीय ब्रांडों को नुकसान पहुंचाना भी सही नहीं है. ममता ने विधानसभा में कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद संसद में विषय पर चर्चा करेंगे, लेकिन चाहे वह दवा, कृषि या विनिर्माण क्षेत्र हो, 100 प्रतिशत एफडीआई का भारतीय ब्रांडों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. हमें भारतीय ब्रांडों को संरक्षण देना होगा. हमें अपने स्वदेशी उत्पादों की ब्रांडिंग करने की जरुरत है. तृणमूल कांग्रेस कई क्षेत्रों में एफडीआई का लगातार विरोध करती रही है और विभिन्न मंचों पर इसका कारण बताया है. एफडीआई को मंजूरी देनेे के मुद्दे पर ही 2012 में पार्टी ने संप्रग-2 सरकार का दामन छोड़ दिया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ मुद्दों पर फैसला लेने से पहले केंद्र को सभी राजनीतिक दलों से बात करनी चाहिए. उन्होंने दवा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें एफडीआई को मंजूरी देने से जीवनरक्षक दवाओं सहित सभी दवाओं के मूल्य में वृद्धि होगी. गौरतलब है कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने हाल में नागरिक उड्डयन, एकल ब्रांड खुदरा, रक्षा एवं दवा सहित कई क्षेत्रों के लिए एफडीआई नियमों में ढील देने की घोषणा की.

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