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जेटली की मानहानि मामले में केजरीवाल सहित ‘आप” के छह नेताओं पर चलेगा मुकदमा

नयी दिल्ली : दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) विवाद में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की ओर से दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि मामले में आज एक स्थानीय अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी :आप: के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए. आरोप तय होने के बाद अब केजरीवाल सहित […]

नयी दिल्ली : दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) विवाद में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की ओर से दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि मामले में आज एक स्थानीय अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी :आप: के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए. आरोप तय होने के बाद अब केजरीवाल सहित ‘आप’ के अन्य आरोपी नेताओं पर मुकदमा चलाया जाएगा.

कार्यवाही के दौरान जेटली के हाजिर नहीं होने और मामले को स्थगित करने या नहीं करने के मुद्दे पर कुछ वकीलों के बीच गरमागरस बहस हो गई. अदालत कक्ष में जब एक वकील ने दूसरे वकील को धमकी दी तो वहां मौजूद आरोपियों – केजरीवाल, आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह और राघव चड्ढा – ने करीब एक साल पहले जेएनयू राजद्रोह मामले के दौरान अदालत परिसर में हुई हिंसा का हवाला देते हुए कहा कि वह गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं.
पिछले साल हुई हिंसा में वकीलों की वेशभूषा में नजर आ रहे कुछ लोगों ने जेएनयू के छात्रों, शिक्षकों और पत्रकारों की पिटाई कर दी थी. बाद में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ( सीएमएम) सुमित दास ने सुरक्षाकर्मियों को बुलाया और आदेश दिया कि इस मामले से जुडे लोगों के अलावा सभी को अदालत कक्ष से बाहर किया जाए. इसके बाद आईपीसी की धारा 500 :मानहानि की सजा: के तहत आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए.
इस पर आरोपियों ने खुद को निर्दोष करार दिया और मुकदमा चलाने को कहा. ‘आप’ नेता दीपक वाजपेयी के खिलाफ भी आरोप तय किए गए. वाजपेयी का प्रतिनिधित्व उनके वकील ने किया. बाद में अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 मई तय कर दी.
अदालत के आदेश से पहले बचाव पक्ष के कुछ वकीलों ने इतने अहम चरण में जेटली की गैर-मौजूदगी का हवाला देते हुए आरोपियों को आरोपमुक्त करने की वकालत की. उन्होंने दलील दी कि शिकायतकर्ता की गैर-मौजूदगी में आरोप तय नहीं किए जाने चाहिए. केजरीवाल के वकील ने कहा, इस अदालत से यह संदेश नहीं जाने दें कि यह शिकायतकर्ता की सहूलियत वाला मुकदमा है और इसलिए यह त्वरित कार्यवाही की तरह चल रहा है.
मुख्यमंत्री के वकील राहुल मेहरा ने कहा, यह एक राजनीतिक मामला है. मामलों और मुकदमों के लंबित रहने के कारण कई लोग जेल में सड रहे हैं. मुकदमा अपने समय से बढने दें, न कि त्वरित आधार पर. जेटली ने आपराधिक मानहानि की शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपियों ने डीडीसीए के बाबत पैदा हुए एक विवाद में उनकी मानहानि की थी जब जेटली डीडीसीए के अध्यक्ष थे. केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक दीवानी मानहानि मुकदमा भी दायर किया और हर्जाने के तौर पर 10 करोड रुपए की मांग की है.

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